प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली की आम आदमी सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के भाई की 1.46 करोड़ की संपत्ति अटैच कर ली है। आरोप है कि यह संपत्ति हवाला के पैसों से खरीदी गई थी।
नई दिल्ली: जांच एजेन्सी के सूत्रों ने खबर दी है कि कुल दो संपत्तियां ईडी ने अटैच की हैं। यह दोनों ही संपत्तियां यूएई से हवाला के जरिए लाए गए पैसों से खरीदी गई थी। इस मामले में फेमा(1999) के सेक्शन 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसमें से एक संपत्ति दिल्ली के वसंतकुंज में भी और दूसरी संपत्ति हरियाणा में थी।
यह संपत्ति आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत के भाई हरीश गहलोत की थीं। जिनके खिलाफ फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेन्ट एक्ट यानी फेमा के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के अधिकारी जल्दी ही उनसे बात करेंगे।
‘फेमा के तहत जांच शुरु की गई है। आयकर विभाग ने जानकारी दी थी कि हरीश गहलोत ने दिल्ली के एक हवाला डीलर के जरिए लगभग एक करोड़ की रकम भारत से दुबई भेजी। जिससे दुबई में दो फ्लैट्स की खरीद के लिए अग्रिम भुगतान किया गया। यह मामला सितंबर 2018 का है।’
ईडी ने बताया है कि ‘जांच में पता चला है कि सितंबर में हरीश गहलोत ने अपने छोटे भाई नीतेश गहलोत को एक करोड़ रुपया कैश दिया। जो कि अप्रवासी भारतीय है और दुबई में रहकर पढ़ाई करता है। यह रकम दुबई भेजने के लिए अवैध हवाला चैनल का इस्तेमाल किया गया’।
‘नीतेश गहलोत ने दिल्ली के हवाला कारोबारी इंदरपाल वाधवा को एक करोड़ रुपए दिए। जिसमें से उसने अपने कमीशन के चार लाख रुपए रखकर अवैध रुप से 96 लाख रुपए कीमत के दिरहम दुबई में उपलब्ध करा दिया। नीतेश गहलोत के मित्र ने दुबई में यह रकम उठाई और उसे दुबई के बैंक खाते में जमा कर दिया।’
ईडी ने आगे जानकारी दी कि इस रकम से नीतेश गहलोत ने अपने पिता हरीश, माता और बड़े भाई के नाम से दो फ्लैट खरीदने के लिए दुबई के बिल्डर को दे दिए।
ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि पिछले साल सितंबर में हरीश गहलोत ने और 50 लाख रुपए(2,43,664 दिरहम) अपने बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट से बेटे नीतेश गहलोत के लिए भेजे। यह रकम लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत शिक्षा के उद्देश्य से यात्रा, फीस और होस्टल के लिए खर्च करने के उद्देश्य से भेजी गई थी।
लेकिन यह रकम उन कामों में नहीं बल्कि दुबई में दो फ्लैट बुक करने के लिए खर्च की गई।
ईडी ने मीडिया को जानकारी दी कि ‘ फेमा-1999 के प्रावधानों के मुताबिक हरीश गहलोत के खिलाफ धारा 37ए के तहत जब्ती का आदेश जारी किया गया। जिसके तहत वसंत कुंज का फ्लैट और हरियाणा के चौमा गांव की एक संपत्ति जब्त कर ली गई, जो कि दुबई भेजी गई रकम के बराबर कीमत यानी 1.46 करोड़ की है।’