फिर विवादित बयान पर मुसीबत में फंसे राहुल गांधी, चुनाव आयोग के नोटिस का 48 घंटे में देना है जवाब

By Team MyNation  |  First Published May 2, 2019, 8:50 AM IST

मध्य प्रदेश के शहडोल में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक चुनावी रैली में कहा था कि केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक नया कानून बनाया है, जिसके तहत आदिवासियों को गोली मारी जा सकती है। राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। जिसका संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है और इसका जवाब उन्हें नोटिस जारी होने के 48 घंटे के दौरान देना है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। वह अपने विवादित बयानों के कारण लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान सुर्खियां तो बने हुए हैं। लेकिन उनके बयान अब उनकी बड़ी मुसीबत बनते जा रहे हैं। पिछले हफ्ते मध्य प्रदेश के शहडोल में आदिवासियों के कानून पर दिए गए बयान के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस दिया है और इसका जवाब 48 घंटे में देने को कहा है।

मध्य प्रदेश के शहडोल में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक चुनावी रैली में कहा था कि केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक नया कानून बनाया है, जिसके तहत आदिवासियों को गोली मारी जा सकती है। राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। जिसका संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है और इसका जवाब उन्हें नोटिस जारी होने के 48 घंटे के दौरान देना है।

अगर वह इसका जवाब इस तय समय में नहीं देते हैं तो आयोग अपनी तरफ से उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। जानकारी के मुताबिक चुनावी रैली में राहुल गांधी ने 23 अप्रैल को कहा कि केन्द्र की बीजेपी सरकार ने आदिवासियों के लिए एक नया कानून बनाया गया है। जिसमें एक पंक्ति लिखी गयी है कि अब आदिवासियों पर हमले किए जाएंगे और उनकी जमीन ली जाएगी। आपके जल,जमीन और जंगल ले लिए जाएंगे।

राहुल गांधी के इस विवादित बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी और आयोग ने इसकी रिपोर्ट राज्य में तैनात अफसरों से मांगी थी। अफसरों की रिपोर्ट मिलने के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने इसके लिए नियमों का हवाला दिया है। आयोग के नियम के मुताबिक राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए जारी दिशानिर्देश के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग (1) के अनुच्छेद (2) के तहत आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है।
 

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