एससी-एसटी एक्ट समेत इन पांच मुद्दों पर मोदी सरकार के खिलाफ फैलाया जा रहा झूठ

By Team MyNation  |  First Published Dec 25, 2018, 3:56 PM IST

यह पहला मौका नहीं है जब सरकार के खिलाफ इस तरह की अफवाह फैलाई जा रही है। इससे पहले भी इस तरह के कई मौके आए हैं जब केंद्र की मोदी सरकार को अफवाहों के कारण सफाई देना पड़ा हो। 
 

नई दिल्ली--2019 का लोक सभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार के खिलाफ अफवाहों का बाजार गर्म होता जा रहा है। अभी हाल ही अफवाह फैलाई गई कि सरकार संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में बैठने वाले सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों की अधिकतम आयु सीमा 32 से घटाकर 26 साल करने जा रही है।

इस पर आज केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि, सिविल सेवा परीक्षाओं में बैठने के लिए अधिकतम आयु सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है ना ही इस में बदलाव के लिए सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है। जो भी रिपोर्ट सामने आ रही है वह केवल अटकलें हैं।

 

MoS PMO Dr. Jitendra Singh to ANI: There is no move by Government to alter the age criteria of eligibility to appear in civil service examinations. Reports and speculations should be put to rest. (file pic) pic.twitter.com/81ye4L6DUv

— ANI (@ANI)

यह पहला मौका नहीं है जब सरकार के खिलाफ इस तरह की अफवाह फैलाई जा रही है। इससे पहले भी इस तरह के कई मौके आए हैं जब केंद्र की मोदी सरकार को अफवाहों के कारण सफाई देना पड़ा हो। 
एनआरसी मुद्दा 

बीते दिनों असम में एनआरसी लागू किया गया। इसको लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा मचाया। इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में भी जमकर संग्राम हुआ। एनआरसी के लागू होने पर विपक्ष ने अफवाह उड़ाई की एनआरसी में केवल अवैध रुप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी लोगों का नाम ही नहीं कटा है बल्कि भारत के नागरिकों का नाम भी काटा गया। इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह राज्य सभा में इसकाखंडन किया।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भरोसा दिलाया था कि एनआरसी की यह फाइनल लिस्ट नहीं है और सबको अपनी पहचान साबित करने का मौका मिलेगा। इसलिए किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। एनआरसी के मुद्दे पर राज्यसभा में राजनाथ सिंह ने कहा कि एनआरसी को लेकर गलत प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी यह फाइनल लिस्ट नहीं है, जिनका नाम एनआरसी में नहीं है वह फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल जा सकते हैं। 

एससी-एसटी एक्ट 

एससी-एसटी एक्ट पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी मामले में जांच किए बिना तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। इसको लेकर कुछ लोगों ने केंद्र मे बैठी मोदी सरकार को जिम्मेदार बताना शुरु कर दिया। जबकि यह पूरा फैसला कोर्ट का था और इसमें सरकार का कोई हाथ नहीं था। कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ कुछ संगठनों ने भारत बंद का भी आह्वान किया था। सरकार को इस मामले में भी ना केवल सफाई देनी पड़ी बल्कि कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऑर्डिनेंस भी लाना पड़ा।

आरक्षण का मुद्दा

समय-समय पर भ्रांति फैलाई जाती है कि आरक्षण व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। विपक्ष की तऱफ से इस बात की अफवाह फैलाई जाती है की भाजपा सरकार आरक्षण को खत्म करने की तैयारी में है। इसको लेकर भी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित कई वरिष्ठ नेताओं को सामने आ कर इसका खंडन करना पड़ा। 

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर 

प्रधानमंत्री मोदी ने जब अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर बनाने का फैसला किया तो यह अफवाह उड़ाई गई कि सरकार विकास के नाम पर काशी की संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास कर रही है। लेकिन जब प्रशासन ने विश्वनाथ गली में दुकानों और मकानों के ध्वस्त करना शुरु किया तो अलग ही नजारा देखने को मिला। वहां से चौंका देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। ध्वस्तीकरण में घरों से प्राचीन मंदिर मिल रहे हैं। 

सामान्य वर्ग के अभ्यार्थियों की अधिकतम आयु सीमा में बदलाव

सबसे नई अफवाह जिसको लेकर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को सफाई देनी पड़ी वह है यूपीएसी की परिक्षा में सामान्य वर्ग के अभ्यार्थियों की अधिकतम आयु सीमा में बदलाव। जिसपर सरकार को सफाई देनी पड़ी की सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है।  

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