'जय श्री राम' के साथ अमित शाह की ममता बनर्जी को चुनौती, 'कोलकाता जा रहा हूं, अरेस्ट करके दिखाएं'

By Team MyNationFirst Published May 13, 2019, 2:18 PM IST
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जाधवपुर में रैली की इजाजत रद्द होने पर ममता बनर्जी को सीधी चुनौती देते हुए अमित शाह ने कहा, दीदी जानती हैं कि भाजपा वाले इकट्ठे होंगे तो भतीजे का तख्त उल्टा हो जाएगा। 

जाधवपुर में रैली से पहले अमित शाह के हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति न दिए जाने के बाद पश्चिम बंगाल में भाजपा और टीएमसी में जुबानी जंग तीखी होती जा रही है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जॉयनगर लोकसभा सीट के लिए आयोजित एक रैली के दौरान बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर हमले किए। उन्होंने मंच से 'जय श्रीराम' के नारे लगवाए और चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वह यहां से सीधे कोलकाता जा रहे हैं, ममता दीदी में अगर हिम्मत है तो वह उन्हें अरेस्ट करके दिखाएं। 

शाह ने कहा कि उनकी पश्चिम बंगाल में तीन रैलियां थीं। उन्हें जाधवपुर में भी रैली के लिए जाना था। लेकिन बंगाल सरकार ने इजाजत नहीं दी। शाह ने कहा, 'आज मुझे 3 जगह जाना था, जॉयनगर में तो आ गया मगर दूसरी जगह ममता दीदी के भतीजे की सीट थी। वहां पर हमारे जाने से ममता जी डरती हैं कि भाजपा वाले इकट्ठे होंगे तो भतीजे का तख्त उल्टा हो जाएगा इसलिए उन्होंने हमारी सभा की परमिशन कैंसिल कर दी। 

LIVE: Shri addresses public meeting in Joynagar, West Bengal. https://t.co/Pes8N3VLeA

— BJP (@BJP4India)

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, बंगाल में ममता दीदी, मोदी जी की सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलने देती, क्योंकि ममता दीदी मानती हैं कि अगर ये योजनाएं यहां शुरु हुई तो मोदी जी यहां और ज्यादा लोकप्रिय हो जाएंगे।

शाह ने कहा, बंगाल की जनता ने तय किया है की वो इस बार 23 से ज्यादा सीटें हमारे नेता मोदी जी की झोली में डालने जा रहे हैं। ममता दीदी मानती हैं कि उन्हें घुसपैठियों के वोट चाहिए। ममता दीदी के राज में दुर्गा पूजा की अनुमति नहीं मिलती, सरस्वती पूजा करने पर उनके गुंडे मारपीट करते है। 23 मई को जो मतगणना होने वाली है उसके लिए 19 मई को ममता का तख्त पलट दीजिए। 

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, मैं गारंटी देता हूं पूरे बंगाल में शान के साथ फिर से दुर्गा पूजा हो सके भाजपा की सरकार यहां ऐसा माहौल बनाएगी। शाह ने कहा, बंगाल के इस्लामपुर में ममता दीदी ने उर्दू के शिक्षक भेज दिए। लोगों ने जब उर्दू में पढ़ने का विरोध किया तो पुलिस भेज दी, पुलिस के अत्याचार से हमारे दो कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। जबकि वो बस ये मांग कर रहे थे कि यहां बंगाली भाषा में पढ़ाई होनी चाहिए।

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