पाकिस्तान के चुनाव नतीजों पर बड़ा खुलासा, इमरान की जीत पर सवाल

By Team Mynation  |  First Published Jul 28, 2018, 9:04 AM IST

पाकिस्तान चुनाव में 'धांधली और हस्तक्षेप'  के विपक्षी दलों के आरोपों को मजबूती मिलती जा रही है। अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट में कुछ इसी तरह का इशारा किया गया है। जेल में बंद पूर्व पीएम नवाज शरीफ की पीएमएलएन और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पीपीपी समेत छह बड़े दलों ने मतदान में छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। 

पाकिस्तान में कई दल आरोप लगा रहे हैं कि हाल ही में संपन्न हुए नेशनल असेंबली के चुनाव में जमकर धांधली हुई। वोटों की गिनती और नतीजे 'संदिग्ध' हैं। अब इन आरोपों को विदेशी पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट से भी बल मिल रहा है। इन आम चुनावों पर नजर रख रहे यूरोपीय यूनियन के पर्यवेक्षकों ने भी परिणामों पर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यूरोपीय यूनियन इलेक्शन ऑब्जर्वेशन मिशन (ईयू ईओएम) ने कहा कि इन चुनाव में अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदियां थीं। यही नहीं प्रचार के दौरान भी उम्मीदवारों को बराबरी का अवसर नहीं मिला। 

पर्यवेक्षकों की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव के दौरान मीडिया समूहों और पत्रकारों को भी पाबंदियां झेलनी पड़ीं। इससे सेल्फ सेंसरशिप की स्थितियां बनीं। शुक्रवार को यूरोपीय संघ के मुख्य पर्यवेक्षक जर्मनी के माइकल गेहलर के नेतृत्व वाली टीम ने कहा कि चुनाव कानून में सकारात्मक बदलावों और ज्यादा निष्पक्ष चुनाव आयोग के बावजूद पूरी चुनाव प्रक्रिया नकारात्मक राजनीतिक माहौल से प्रभावित हुई। नए चुनाव कानून पर अभिव्यक्ति की आजादी पर लगी पाबंदियां और चुनाव अभियान के दौरान मिले असमान अवसर हावी हो गए। 

उन्होंने बताया कि ईयू के 120 से ज्यादा पर्यवेक्षकों ने पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और इस्लामाबाद में 113 निर्वाचन क्षेत्रों के 582 मतदान केंद्रों पर चुनाव की शुरुात, मतदान, वोटों की गिनती जैसी चुनाव प्रक्रिया की निगरानी की। गेहलर ने कहा, भले ही मतदान प्रक्रिया अच्छी तरह संपन्न कराई गई लेकिन मतगणना में बहुत सी खामियां नजर आईं। मतगणना के दौरान स्टाफ प्रक्रियाओं का पालन नहीं कर रहा था। जिन मतदान गणना स्थलों की निगरानी की गई वहां सुरक्षाकर्मी केंद्रों के अंदर और बाहर, दोनों जगह मौजूद थे। 

जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएलएन और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पीपीपी समेत छह बड़े दलों ने मतों में छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सबसे बड़े दल के तौर पर उभरने के बाद इन सभी पार्टियों ने वोटों की गिनती को लेकर सवाल उठाए हैं। 

ईयू के पर्यवेक्षकों ने भी कहा है कि भले ही कई कानूनी प्रावधान किए गए लेकिन सभी को बराबरी का मौका नहीं मिला। राजनीतिक पहुंच और पैसे वाले तथाकथित 'जीतने वाले' उम्मीदवार ही प्रचार के दौरान छाए रहे। चुनावी खर्च के असमान नियमों से भी उम्मीदवारों को समान अवसर नहीं मिल सके। उधर, पर्यवेक्षक मिशन के लिए यूरोप के संसदीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख ब्रिटेन के जीन लैंबर्ट एमईपी ने भी इस रिपोर्ट की पुष्टि की है। (पीटीआई इनपुट के साथ)
 

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