राफेल मामले पर दोस्त भी ले रहे हैं कांग्रेस की चुटकी, फिर भी कांग्रेसी नहीं ले रहे सबक

By Team MyNation  |  First Published Dec 14, 2018, 2:56 PM IST

राफेल डील में घोटाले का आरोप सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो गया है। जिसके बाद कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इसमें सबसे दिलचस्प प्रतिक्रिया रही नेशनल कांफ्रेन्स नेता उमर अब्दुल्ला की। लेकिन कांग्रेस दोस्तों की भी नसीहत सुनने के लिए तैयार नहीं है। 

उमर अब्दुल्ला ने ट्विट करके कांग्रेस को नसीहत दी है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं से राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहा विवाद सुलझाने की सलाह दी है। 

Can’t see how remains an election issue after this.

— Omar Abdullah (@OmarAbdullah)

Now let’s get back to Rajasthan & Chhattisgarh.

— Omar Abdullah (@OmarAbdullah)

लेकिन राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बाद भी कांग्रेस नेता बाज नहीं आ रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला तो एक कदम आगे बढ़कर राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के रुख को अपने पक्ष में करार देने पर तुले हुए हैं। 

Randeep Surjewala, Congress on : The verdict of the Supreme Court today is a validation of what the Congress party stated months again, that SC is not the forum to decide the such sensitive defence contract. pic.twitter.com/824MxYukki

— ANI (@ANI)

वहीं वरिष्ठ कांग्रेसी और लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद गृहमंत्री के उपर अधूरी बात कहने का आरोप लगा रहे हैं। 

Mallikarjun Kharge, Congress: Our demand was for Joint Parliamentary Committee (JPC) and it still stands,main issue is pricing which SC said it did not want to comment as it is not in its jurisdiction.Home Minister is speaking on an incomplete judgement given on a PIL pic.twitter.com/g1SUX3nIny

— ANI (@ANI)

उधर कांग्रेस के भ्रष्टाचार के विरोध में आंदोलन करके आए आम आदमी पार्टी के नेता राफेल मुद्दे पर कांग्रेस के ही सुर में सुर मिला रहे हैं। 

सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर कोई नकारात्मक बात कहना अनुचित जनता की अदालत और संसद में जाने का विकल्प खुला है राफ़ेल ख़रीद में भ्रष्टाचार हुआ है JPC बनाकर गहनता से जाँच कराई जाय।

— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln)

लेकिन इस पूरे विवाद से पहले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई साफ कर चुके हैं कि रक्षा खरीद सरकार का विशेषाधिकार है और इसे लेकर सरकार पर कोई भी दबाव नहीं बनाया जा सकता। 

CJI Ranjan Gogoi says 'we can't compel government to purchase 126 aircrafts and its not proper for the court to examine each aspect of this case. It isn't a job of court to compare pricing details.' https://t.co/DWHMCpqIRa

— ANI (@ANI)
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