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काशी में अब मोक्ष भी मुश्किल!

 
Published : Aug 02, 2018, 03:00 PM IST

वाराणसी भारत की सांस्कृतिक राजधानी होने के साथ साथ विश्व के सबसे प्राचीन नगरों में से एक हैं। यहां पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। मान्यता है कि यहां पर मरने वाले को मोक्ष मिल जता है।

वाराणसी भारत की सांस्कृतिक राजधानी होने के साथ साथ विश्व के सबसे प्राचीन नगरों में से एक हैं। यहां पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। मान्यता है कि यहां पर मरने वाले को मोक्ष मिल जता है। यहां पर दो बड़े महाश्मशान हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका है, जहां चिताओं की आग कभी ठंडी नहीं होती हैं। यहां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग आकर अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करते हैं। लेकिन इस समय यहां पर मोक्ष मिलना भी मुश्किल हो गया है क्योंकि गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण बनारस के सभी घाटों पर गंगा का पानी चढ़ गया है। इस कारण यहां पर अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों को परेशानी का का सामना करना पड़ रहा है। घाट पर बने शवदाह के प्लेटफार्म कम होने के कारण लोगों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है।
 

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