एग्जिट पोल: बंगाल में ऐसे दरक रहा है 'दीदी' का किला

सात चरणों के चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल लगातार सुर्खियों में रहा। हर बार मतदान के दौरान वहां का चुनावी माहौल खून से लाल हो जाता था। राजनीतिक हिंसा का खतरनाक स्वरुप बंगाल में इस लोकसभा चुनाव में दिखा। लेकिन यह हिंसा इस बात का भी संकेत थी कि कैसे बंगाल में दीदी का किला दरक रहा है। यही संकेत एक्जिट पोल के नतीजों में भी दिख रहा है। 
 

Exit poll Lok sabha election 2019 results of west Bengal can be setback for mamta didi

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा ने इस बार सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच जमीनी स्तर पर जो हिंसक संघर्ष दिया, वह इस बात का संकेत था कि कोई भी अपनी जमीन छोड़ना नहीं चाहता। 

ममता बनर्जी ने बीजेपी नेताओं का प्रचार रोकने के लिए हेलीकॉप्टर रोकने से लेकर, प्रशासनिक अनुमति न देने जैसे हर हथकंडे आजमा लिए। उनके कार्यकर्ताओं ने आक्रामक तरीके से अपने विरोधियों पर हमला किया। तृणमूल कार्यकर्ताओं के निशाने पर केवल बीजेपी ही नहीं सीपीएम और कांग्रेस सहित हर विपक्षी दल रहा। 

लेकिन यह इस बात का भी संकेत था कि तृणमूल कांग्रेस अपनी जमीन खो रही है। एक्जिट पोल के नतीजे इसी ओर संकेत कर रहे हैं। लगभग हर एजेन्सी के एग्जिट पोल में ममता बनर्जी की तुलना में बीजेपी को बढ़त दिखाई गई है। 

•    एक्जिट पोल के नतीजों में इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया ने बताया कि बीजेपी को 19-23 सीटें मिलने का अनुमान है तो ममता बनर्जी को भी लगभग उतनी ही सीटें मिल सकती है। पिछले चुनाव की तुलना में तृणमूल कांग्रेस जितनी सीटें गवांएगी, बीजेपी को उतनी ही सीटों का फायदा होगा। 

•    एबीपी न्यूज के सर्वे के मुताबिक पश्चिम बंगाल में बीजेपी 16 सीटें जीतती दिख रही है वहीं तृणमूल कांग्रेस को 24 सीटें मिलने का अनुमान है। 

•    टाइम्स नाउ-वीएमआर के एग्जिट पोल में बीजेपी 11 सीटें जीतती हुई दिख रही है। दूसरी तरफ तृणमूल को 28 सीटों पर जीत मिल सकती है। 

•    सी वोटर के सर्वे में भी बीजेपी अच्छा प्रदर्शन करती दिख रही है। उसे 11 सीटें दी गई हैं, जबकि ममता बनर्जी को 29 सीटें मिल सकती है। 

•    न्यूज 24- टुडे चाणक्य के एग्जिट पोल में बीजेपी के हिस्से में 18 सीटें आती दिख रही है, तो तृणमूल कांग्रेस को 23 और कांग्रेस को एक सीट मिलने का अनुमान है। 
 

हालांकि अभी चुनाव परिणाम आने बाकी हैं। लेकिन यह तय है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की कीमत पर बीजेपी को फायदा होता हुआ दिख रहा है। ममता बनर्जी को कुछ इसी तरह के परिणामों का अंदाजा था, तभी वह इतनी बेचैन हो रही थीं। पश्चिम बंगाल की घनघोर चुनावी हिंसा का कारण भी शायद यही बेचैनी थी। 
 

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