फेसबुक ने बंद किए ISI एजेंटों के सैकड़ों फर्जी पेज

By Team MyNation  |  First Published Apr 1, 2019, 4:16 PM IST

फेसबुक के मुताबिक, आईएसआई के कर्मचारी मिलिट्री फैन पेज, पाकिस्तान इंटरेस्ट पेज, कश्मीरी समुदायों के पेज और कई तरह के न्यूज और हॉबी पेजस के जरिए फर्जी और भ्रामक कंटेंट का प्रसार कर रहे थे।
 

दक्षिण एशिया में बड़ा कदम उठाते हुए सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक ने सैकड़ों ऐसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म को सस्पेंड कर दिया जिसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के कर्मचारियों द्वारा चलाया जा रहा था।

फेसबुक की रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी संख्या में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के कर्मचारियों द्वारा अपत्तिजनक कंटेंट प्रसारित किया जा रहा था। हालांकि फेसबुक ने इन गतिविधियों में लिप्त खुफिया विभाग के कर्मचारियों की सूची को गोपनीय रखा है।

फेसबुक ने अपनी जांच में पाया है कि खुफिया एजेंसी के ये कर्मचारी फेसबुक और इंस्टाग्राम के कम से कम 24 पेज, 57 फेसबुक अकाउंट, 7 फेसबुक ग्रुप और 15 इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए आपत्तिजनक कंटेंट जनरेट कर रहे थे।

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फेसबुक के मुताबिक ये कर्मचारी मिलिट्री फैन पेज, पाकिस्तान इंटरेस्ट पेज, कश्मीरी समुदायों के पेज और कई तरह के न्यूज और हॉबी पेजस के जरिए फर्जी और भ्रामक कंटेंट का प्रसार कर रहे थे।

Facebook: The individuals behind this activity used fake accounts to operate military fan Pages; general Pakistani interest Pages; Kashmir community Pages.Our investigation found that it was linked to employees of the ISPR (Inter-Service Public Relations) of Pakistani military https://t.co/SHZw8maJGO

— ANI (@ANI)

इसके अलावा फेसबुक ने इन कर्मचारियों के फर्जी पोस्ट में पाया कि भारत से जुड़े मामलों, भारत सरकार, भारत के नेताओं और सेना के संदर्भ में भी आपत्तिजनक पोस्ट डालते थे। हालांकि फेसबुक की साइबरसिक्योरिटी पॉलिसी की प्रमुख नथानीयल ग्लीचर ने कहा कि आईएसआई की इन गतिविधियों पर फेसबुक यह नहीं कह सकता कि ये गतिविधिया खुफिया विभाग के कर्मचारी विभाग के किसी आदेश के चलते कर रहे थे।

हालांकि सवाल उठता है कि क्या किसी खुफिया एजेंसी के बड़ी संख्या में अधिकारी इंटरनेट पर कंटेंट जनरेशन के काम में लगे हैं और वह इसका प्रचार प्रसार कर रहे हैं और विभाग को इसकी जानकारी न हो। वहीं फेसबुक ने दावा किया है कि ऐसी गतिविधियां करने के लिए आईएसआई के कर्मचारी सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट के जरिए काम करते थे।
    

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