कुलपहाड़ तहसील के विजयपुर गांव निवासी 58 वर्षीय किसान हृदेश कुमार दिवेदी ने 11 वर्ष पहले खेती के लिए इलाहाबाद बैंक से लोन लेकर ट्रैक्टर खरीदा था। लेकिन सूखा, ओलावृष्टि और अतिवृष्टि के चलते फसल खराब होने के चलते वह कर्ज की अदायगी नहीं कर सका। वर्तमान में कर्ज बढ़कर 12 लाख रूपए हो गया है। इसके अलावा ढाई लाख रूपए ग्रीन कार्ड ले रखा था। करीब एक वर्ष पहले किसान ने गांव के साहूकारों से 2 लाख रुपए लोन लिया। लेकिन चुकता नहीं कर पा रहा था।
महोबा. बुंदेलखंड में कर्ज के बोझ तले दबे किसानों की खुदकुशी का मामला थम नहीं रहा है। ताजा मामला महोबा के विजयपुर गांव का है। गांव निवासी एक किसान ने बैंक व साहूकारों का कर्ज चुका न पाने से परेशान होकर बुधवार रात फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। किसान पर करीब 15 लाख रुपए का कर्ज था। लेकिन फसल बर्बाद होने के कारण वह बमुश्किल अपने परिवार का भरण पोषण कर पा रहा था। डीएम ने एसडीएम को जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
कुलपहाड़ तहसील के विजयपुर गांव निवासी 58 वर्षीय किसान हृदेश कुमार दिवेदी ने 11 वर्ष पहले खेती के लिए इलाहाबाद बैंक से लोन लेकर ट्रैक्टर खरीदा था। लेकिन सूखा, ओलावृष्टि और अतिवृष्टि के चलते फसल खराब होने के चलते वह कर्ज की अदायगी नहीं कर सका। वर्तमान में कर्ज बढ़कर 12 लाख रूपए हो गया है। इसके अलावा ढाई लाख रूपए ग्रीन कार्ड ले रखा था।
करीब एक वर्ष पहले किसान ने गांव के साहूकारों से 2 लाख रुपए लोन लिया। लेकिन चुकता नहीं कर पा रहा था। परेशान होकर हृदेश ने बुधवार रात पशुबाड़े में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक के बेटे अजेशचन्द्र ने बताया कि, कर्ज लेकर 15 जून को बहन की शादी की गई थी। ऐसे में कर्ज भी बढ़ गया था। बैंककर्मी कर्ज अदायगी के लिए दबाब बना रहे थे और साहूकार भी आए दिन घर के चक्कर लगा रहे थे।
बीते चार दिनों पिता तनाव में थे। उन्होंने खाना छोड़ दिया था। मृतक के भाई ब्रजेश ने कहा कि, सरकार से कर्ज माफी की उम्मीद थी, लेकिन लाभ नहीं मिला। डीएम अवधेश कुमार ने मामले की जांच कराकर परिवार को लाभ दिलाने की बात कही है।