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Farmers Protest 2024: वापस हो चुके हैं कृषि कानून, फिर किसानों का प्रदर्शन क्यों, क्या है मांग?

Rajkumar Upadhyaya |  
Published : Feb 13, 2024, 11:14 AM ISTUpdated : Feb 13, 2024, 11:18 AM IST
Farmers Protest 2024: वापस हो चुके हैं कृषि कानून, फिर किसानों का प्रदर्शन क्यों, क्या है मांग?

सार

Farmers Protest 2024: किसानों का आंदोलन 2021-22 में लंबे समय तक चला। केंद्र सरकार को कृषि कानूनों को निरस्त करना पड़ा। अब लोकसभा चुनाव के ठीक पहले किसान एक बार फिर सड़क पर हैं। क्या है उनकी मांग? जानिए अपने सभी सवालों के जवाब

Farmers Protest 2024: केंद्र सरकार के चौधरी चरण सिंह और एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने के ऐलान के बाद नई मुसीबत का सामना कर रही है। माना जा रहा था कि किसानों के मसीहा कहे जाने वाले दिग्गजों को सम्मान मिलने से किसानों का रूख साफ्ट होगा। पर मौजूदा तस्वीर उसके उलट है। 2021-22 में किसानों का आंदोलन लंबे समय तक चला। नवंबर 2021 में आंदोलन खत्म होन के बाद किसान एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर सड़क पर हैं।

अब एक बार फिर किसान यूनियनों ने 'दिल्ली चलो' का नारा दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा के 13 फरवरी को दिल्ली कूच के ऐलान के बाद भले ही सड़कों को पत्थरों की दीवार और कीलें बिछा दी गई हो। पर किसान आंदोलन को लेकर अडिग हैं। आंदोलन में पंजाब, हरियाण के अलावा यूपी के लाखों किसान शामिल हो सकते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का भी आह्वान किया गया है।

दो साल पहले हुए किसानों के आंदोलन की वजह?

दो साल पहले हुए किसान आंदोलन की बात करें तो उसकी प्रमुख वजह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) खत्म किए जाने की आशंका थी। किसानों को यह भी लग रहा था कि खेती-किसानी कॉर्पोरेट कंपनियों के हाथों में जा सकती है। किसान यूनियनों का दावा है ​कि उस प्रोटेस्ट के दौरान करीबन 700 किसानों की मौत हुई।

किसानों की ये है मांग

-किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने की सबसे बड़ी मांग है। 
-किसानों पर दर्ज हुए मुकदमों की वापसी की मांग भी किसान काफी समय से करते रहे हैं। 
-2021 में लखीमपुर खीरी में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान गाड़ी से कुचलकर मरे 4 सिख किसानों के परिजनों को नौकरी और दोषियों को सजा की मांग। कथित तौर पर वह गाड़ी गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की थी।
-स्वामीनाथन को भारत रत्न पर उनकी सिफारिशें लागू नहीं।
-किसानों को प्रदूषण कानून से मुक्त रखने का वादा भी अधूरा। 
-वैसे स्वामीनाथन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में किसानों को लागत का डेढ़ गुना कीमत देने की सिफारिश की थी।

क्या कहते हैं किसान?

#FarmersProtest2024 सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया पर किसानों के रिएक्शन आ रहे हैं। उनका कहना है कि किसान ट्रैक्टर से दिल्ली पहुंच रहे हैं। ट्रैफिक जाम नहीं किया जा रहा है। बॉर्डर सील हैं। किसानों का आरोप है कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है। सड़कों पर बैरीकेड लगाए गए हैं। कर्नाटक से आ रहे किसानों को भोपाल में अरेस्ट किया गया। मारपीट में एक किसान के सिर में सीरियस चोटें आई हैं।

किसानों को रोकने के इंतजाम?

  • देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों को रोकने के लिए कड़ा बंदोबस्त।
  • सिंधु और गाजीपुर बॉर्डर की सीमाओं को सील किया गया है।
  • यूपी, हरियाणा और दिल्ली पुलिस अलर्ट पर। केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात।
  • संड़कों पर कंटीले और नुकीले तार लगाकर बैरिकेडिंग की गई।
  • सीसीटीवी और लाउडस्पीकर का भी इंतजाम।
  • दिल्ली-हरियाणा सीमा पर आठ लेयर की दीवारें।
  • कई सड़कों पर पत्थर के बड़े-बड़े बेरिकेड और लोहे के कंटेनर।

 

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