सज्जाद लोन के पिता कश्मीर में लाए थे बंदूक- फारूक अब्दुल्ला

By Team MyNation  |  First Published Dec 3, 2018, 10:26 AM IST

नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ अब्दुल्ला ने कहा, 'जब पूर्व राज्यपाल जगमोहन ने उन्हें निलंबित किया था, तो उस समय अब्दुल गनी लोन उनके पास आए थे। उन्होंने कहा था कि वह पाकिस्तान से बंदूक लेने जा रहे हैं। 
अब्दुल्ला ने कहा, 'मैंने तब गनी को बहुत समझाया था, लेकिन वह नहीं माने थे।

पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन के पिता अब्दुल गनी लोन घाटी में बंदूक लाने के लिए जिम्मेदार हैं। यह आरोप पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने लगाया है।

बारामुला में रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए फारुक अब्दुल्ला ने सज्जाद लोन के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर वह आरोप लगाना शुरू करेंगे तो सज्जाद लोन को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा।

रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ अब्दुल्ला ने कहा, 'जब पूर्व राज्यपाल जगमोहन ने उन्हें निलंबित किया था, तो उस समय अब्दुल गनी लोन उनके पास आए थे। उन्होंने कहा था कि वह पाकिस्तान से बंदूक लेने जा रहे हैं। 

 

Farooq Abdullah in Baramulla,J&K: Uske(Sajjad Lone) walid mere pas aaye te jab mujhe dismiss kiya gya tha Jagmohan ne,‘Main Pakistan ja raha hun.Main bandook lane wala hoon.’Maine use kaha,bandook mat laiye.Magar vo laye. Bandook nahi lani chaiye thi. Iska jawab dein vo. (02.12) pic.twitter.com/bHwcz94VU4

— ANI (@ANI)

अब्दुल्ला ने कहा, 'मैंने तब गनी को बहुत समझाया था, लेकिन वह नहीं माने थे।' बता दें कि सज्जाद लोन ने नेशनल कांफ्रेंस पर रियासत की विशेष पहचान को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था।

आपको बता दें, जम्मू-कश्मीर की हंदवाड़ा सीट से विधायक सज्जाद गनी लोन के पिता अब्दुल गनी लोन कश्मीरी के बड़े नेता थे जिनकी 21 मई 2002 को श्रीनगर में हत्या कर दी गई थी।

साथ ही उन्होंने भारत-पाकिस्तान दोस्ती को बेहतर बनाने के लिए सभी रास्ते खोलने की वकालत की। उन्होंने कहा कि वह ऐसे हर रास्ते को खोलने का समर्थन करते हैं, जो भारत-पाकिस्तान की दोस्ती को आगे ले जाए।

जिस दिन दोनों देशों में दोस्ती हो जाएगी कश्मीर मसला स्वयं हल हो जाएगी। उन्होंने भारत और पाकिस्तान से एलओसी व आईबी पर सारे रास्ते खोलने की मांग की। कहा कि इससे न केवल आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि दोनों देशों के बीच दोस्ती को भी मजबूत करेगा।
 

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