फारूक अब्दुल्ला का विवादित बयान, चुनाव नजदीक हैं, इसीलिए बालाकोट पर हुआ हवाई हमला

By Team MyNationFirst Published Mar 11, 2019, 1:46 PM IST
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने राज्य में विधानसभा चुनाव न कराने को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, सभी दल चाहते हैं कि चुनाव हों तो फिर लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव क्यों नहीं हो सकते।

लोकसभा चुनावों के साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं कराए जाने के चुनाव आयोग के फैसले पर राजनीतिक दलों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। इस बीच, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के बालाकोट में वायुसेना के हवाई हमले को लेकर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, 'हमें हमेशा से पता था कि पाकिस्तान के साथ युद्ध के साथ छोटी लड़ाई हो सकती है। लेकिन हवाई हमला इसलिए हुआ क्योंकि चुनाव नजदीक हैं। हमने करोड़ों की लागत का एक विमान खो दिया। शुक्र है कि पायलट बच गया और सम्मान के साथ पाकिस्तान से लौट आया। 

Farooq Abdullah: We always knew that there would be a fight or a skirmish with Pakistan. This surgical strike (airstrike) was done as elections are approaching. We lost an aircraft worth crores. Be thankful that the pilot (IAF) survived & returned from Pakistan with respect. pic.twitter.com/7UElbtuKKn

— ANI (@ANI)

फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव न कराने को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, सभी दल चाहते हैं कि चुनाव हों तो फिर लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव क्यों नहीं हो सकते।  फारूक अबदुल्ला ने पत्रकारों से कहा, 'सभी दल जम्मू-कश्मीर में एक साथ चुनाव के पक्ष में हैं। लोकसभा चुनाव के लिए माहौल अनुकूल है लेकिन जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए क्यों नहीं? स्थानीय पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण हुए, यहां पर्याप्त सुरक्षा बल मौजूद है फिर क्यों विधानसभा चुनाव नहीं हो सकते?' 

Farooq Abdullah: All parties are in favour of holding simultaneous (LS & state assembly) polls. Environment is conducive for Lok Sabha polls but not state polls in J&K? Local body polls were held peacefully, there are enough forces present,then why can't state elections be held? pic.twitter.com/ktYfOwLc2d

— ANI (@ANI)

इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पीएम मोदी ने पाकिस्तान, आतंकियों और हुर्रियत के सामने सरेंडर कर दिया है। वहीं मायावती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव न कराना मोदी सरकार की कश्मीर नीति की विफलता की निशानी है। 

उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में लिखा, 'पीएम मोदी ने पाकिस्तान, आतंकियों और हुर्रियत के सामने सरेंडर कर दिया है। बहुत अच्छे मोदी साहब, 56 इंच की छाती फेल हो चुकी है।' 

In light of the failure to conduct assembly elections on time in J&K I’m retweeting my tweets from a few days ago. PM Modi has surrendered to Pakistan, to the militants & to the hurriyat. Well done Modi Sahib. 56 inch chest failed. https://t.co/oqtDAfNdeb

— Omar Abdullah (@OmarAbdullah)

एक अन्य ट्वीट में केंद्रीय गृहमंत्री पर कटाक्ष करते हुए उमर ने कहा, 'राजनाथ सिंह के उन वादों का क्या हुआ जो उन्होंने लोकसभा, राज्यसभा और सर्वदलीय बैठक में किए थे कि चुनाव के लिए सभी सुरक्षाबलों को उपलब्ध कराया जाएगा।' 

उमर ने अपने ट्वीट में लिखा, '1996 के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि विधानसभा के चुनाव समय पर नहीं होने वाले हैं। हर बार पीएम मोदी के सशक्त नेतृत्व की सराहना करने से पहले इस बात का ध्यान रखना होगा।' 

What happened to ’s assurance to Lok Sabha & Rajya Sabha as well as to the all party meeting recently in Delhi that all forces would be made available for simultaneous polls?

— Omar Abdullah (@OmarAbdullah)

 
उधर, बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर लिखा, 'जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का आम चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ नहीं कराना मोदी सरकार की कश्मीर नीति की विफलता का निशानी है। जो सुरक्षा बल लोकसभा चुनाव करा सकते हैं, वही उसी दिन वहां विधानसभा का चुनाव क्यों नहीं करा सकते हैं? केन्द्र का तर्क बेतुका है और भाजपा का बहाना बचकाना है।' 

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का आमचुनाव लोकसभा चुनाव के साथ नहीं कराना श्री मोदी सरकार की कश्मीर नीति की विफलता का द्योतक है। जो सुरक्षा बल लोकसभा चुनाव करा सकते हैं वही उसी दिन वहाँ विधानसभा का चुनाव क्यों नहीं करा सकते हैं? केन्द्र का तर्क बेतुका है व बीजेपी का बहाना बचकाना है।

— Mayawati (@Mayawati)

 

 

 

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