इराक के अंतरराष्ट्रीय धर्मगुरु अयातुल्लाह आगा-ए-शीस्तानी ने एक फतवा जारी किया है। यह फतवा अयोध्या में विवादित भूमि पर राम मंदिर निर्माण के पक्ष में जाता हुआ दिख रहा है। अयातुल्लाह शीस्तानी विश्व स्तर पर सम्मानित इस्लामी नेता है।
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने राम मंदिर के पक्ष में इराक से फतवा मंगवाया है। इस फतवे में कहा गया है, कि किसी भी विवादित जमीन पर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती है।
वसीम रिजवी ने इराक के अंतरराष्ट्रीय धर्मगुरु अयातुल्लाह आगा-ए-शीस्तानी से प्रश्न किया था, कि क्या किसी विवादित जमीन पर मस्जिद बनाई जा सकती है।
इसपर अयातुल्लाह आगा-ए-शीस्तानी का जवाब था, कि इस्लामिक सिद्धांतों के अनुसार ऐसा करने की इजाजत नहीं है। अर्थात जिस जमीन पर विवाद हो, वहां पर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती है।
वसीम रिजवी ने कहा कि अयातुल्लाह आगा-ए-शीस्तानी का फतवा पूरी दुनिया में माना जाता है। रिजवी ने आगे कहा कि अब कट्टरपंथी मौलवियों को अयोध्या मसले पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में संवैधानिक तरीके से राम मंदिर जल्दी बनने जा रहा है। इसमें भगवान श्रीराम के दर्शन करनेवालों की पहली कतार में हम भी होंगे।
वसीम रिजवी ने अयातुल्लाह आगा-ए-शीस्तानी से दो प्रश्न किए थे। जिसमें से पहला सवाल विवादित जमीन पर मस्जिद से जुड़ा हुआ था। वहीं दूसरा सवाल यह पूछा गया था, कि क्या किसी मुसलमान को इस्लाम से निकाला जा सकता है?
इसके जवाब में अयातुल्लाह आगा-ए-शीस्तानी ने कहा, कि किसी को इस्लाम से निकाला नहीं जा सकता है। उसको मुसलमान ही माना जाएगा। उसका खून, सम्मान और संपत्ति पवित्र है और रक्षा करने योग्य है।
वसीम रिजवी ने अयातुल्लाह से यह प्रश्न इसलिए पूछा, क्योंकि एक महीने पहले भारत के शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद ने वसीम रिजवी को इस्लाम से खारिज करने का फतवा जारी कर दिया था और उन्हें मुनाफिक करार देते हुए रिजवी का बायकॉट करने की अपील की थी।