बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में उत्तराधिकार को लेकर जंग तेज होने वाली है। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और पार्टी के मौजूदा कर्ताधर्ता तेजस्वी यादव के बीच काफी अरसे से मनमुटाव है। तेजस्वी ने बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए टिकटों का बंटवारा किया था। लेकिन तेज प्रताप को टिकट बंटवारे से अलग रखा।
बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार लालू प्रसाद यादव परिवार में अब सियासी उत्तराधिकार की जंग शुरू हो गयी है। तेज प्रताप अब खुले तौर पर अपने छोटे भाई तेजस्वी के खिलाफ मैदान में उतरने की तैयारी में है। इसके लिए अब वह राज्य में अपनी नई सेना तेज सेना का गठन करेंगे। हालांकि तेज प्रताप ने लोकसभा चुनाव में लालू राबड़ी मोर्चा का गठन किया था। हालांकि ये कुछ ज्यादा कमाल तो नहीं दिखा पाया। लेकिन उसने बिहार में राजद को कुछ लोकसभा सीटों पर जरूर नुकसान पहुंचाया।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में उत्तराधिकार को लेकर जंग तेज होने वाली है। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और पार्टी के मौजूदा कर्ताधर्ता तेजस्वी यादव के बीच काफी अरसे से मनमुटाव है। तेजस्वी ने बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए टिकटों का बंटवारा किया था। लेकिन तेज प्रताप को टिकट बंटवारे से अलग रखा।
इसके विरोध में तेज प्रताप ने राज्य की लोकसभा सीटों पर अपने करीबी लोगों को मैदान में उतारा और लालू राबड़ी के नाम पर एक नया मोर्चा बनाया। हालांकि लोकसभा चुनाव में उनका मोर्चा कोई खास असर नहीं दिखा पाया। लेकिन उसने राजद के वोट जरूर काटे। यही नहीं तेज प्रताप ने राजद के पक्ष में चुनावी रैलियां भी नहीं की। जबकि वह तेजस्वी पर लगातार हमले करते रहे। उन्होंने एक चुनावी रैली में साफ कर दिया था कि लालू के असली वारिस वही हैं।
लोकसभा चुनाव में पार्टी की बुरी तरह हार के लिए पार्टी नेताओं ने तेजस्वी यादव को जिम्मेदार बताया था और उनका खुलकर विरोध किया था। लेकिन अब तेज प्रताप यादव ने ही तेजस्वी के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। तेज प्रताप यादव राज्य में अपनी खुद की एक सेना बना रहे हैं।जिसका नाम तेज सेना रखा है। तेजप्रताप 28 जून को 'तेज सेना' की लांच करेंगे। जाहिर में इसमें तेजस्वी से नाराज नेताओं का जमावड़ा तो होगा ही।
फिलहाल चुनाव के बाद यादव परिवार में जंग छिड़ी हुई है। राज्य में राजद के भीतर तीन गुट हो गए हैं। इसमें पहला गुट तेजस्वी यादव, दूसरा तेज प्रताप यादव और तीसरे गुट का जिम्मा मीसा भारती संभाल रही हैं। पार्टी में तेजस्वी ने मीसा और तेज प्रताप को किनारे किया है। जिसके बाद दोनों का राजनैतिक भविष्य दांव पर है। पिछले दिनों ही अपने राजनैतिक वजूद को जिंदा रखने के लिए तेज प्रताप ने राज्य के 40 लोकसभा क्षेत्रों में बदलाव यात्रा निकालने का फैसला किया था।