नया पाकिस्तान: जानें एक साल में कितना गिरा रुपया और जनता पर कितना बढ़ा टैक्स

इमरान खान आर्थिक मदद के लिए कई देशों के चक्कर लगा चुके हैं। लेकिन कुछ ही देशों के अलावा कोई उसे आर्थिक मदद नहीं दे रहा है। जबकि पाकिस्तान में महंगाई बढ़ती ही जा रही है। खाने पीने की वस्तुओं के भाव आसमान छू रहे हैं वहीं डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में भी गिरावट आ रही है।

Pakistani rupees slashing compare Dollar, Imran government imposed new tax slab

पाकिस्तान की आर्थिक स्थित दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। आर्थिक बोझ सरकार पर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। हालत ये हैं कि पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले दिन प्रतिदिन गिरता ही जा रहा है। महज दस महीनों के दौरान पाकिस्तानी रुपये में करीब 30 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। लिहाजा पाकिस्तान की सरकार ने देश को आर्थिक तंगी से बचाने के लिए जनता पर टैक्स का बोझ बढ़ा दिया है। जनता पर एक जुलाई से नए कर लागू होंगे।

नया पाकिस्तान के वादे को लेकर सत्ता में आए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को आर्थिक मंदी से बाहर निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है। इमरान खान आर्थिक मदद के लिए कई देशों के चक्कर लगा चुके हैं। लेकिन कुछ ही देशों के अलावा कोई उसे आर्थिक मदद नहीं दे रहा है। जबकि पाकिस्तान में महंगाई बढ़ती ही जा रही है। खाने पीने की वस्तुओं के भाव आसमान छू रहे हैं वहीं डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में भी गिरावट आ रही है।

हालांकि अभी तक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को कोई कर्जा नहीं दिया है। अगर पाकिस्तान कर्जा लेता है तो पाकिस्तान के हालत और भी ज्यादा खराब होंगे। क्योंकि जनता को दी जा रही रियायतों का सरकार को वापस लेना होगा और नए कर्ज जनता पर थोपने होंगे। फिलहाल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट में घिरती जा रही है।

आज अमरीकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 161 तक चला गया। यही नहीं सोने की कीमतों में लगातार उछाल आ रहा है। बुधवार को ही पाकिस्तान में सोने का भाव 80,500 रुपए प्रति 12 ग्राम की दर पर था। देश के आर्थिक हालात खराब होने के साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार भी नीचे जा रहा है। अभी पाकिस्तान के पास महज 7.6 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है।

पाकिस्तान के बिगड़ते हालात को इस बात से आसानी से समझा जा सकता है कि महज 10 महीने में पाकिस्तानी रुपए में 29 फ़ीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वहीं आईएमएफ़ से 6 अरब डॉलर के क़र्ज़ मिलने के बाद पाकिस्तानी रुपए में और गिरावट की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल पाकिस्तानी सरकार ने जनता पर एक जुलाई से नए टैक्स थोपने का फैसला कर लिया है।

पाकिस्तानी सरकार को लगता है कि टैक्स बढ़ाकर राजस्व में इजाफा किया जा सकता है। पाकिस्तान की इमरान सरकार ने आय कर की अधिकतम दर 25 फ़ीसदी से बढ़ाकर 35 फ़ीसदी कर दी है। इसका सीधा असर नौकरीपेशा और आम आदमी पर पड़ेगा।

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