G-20 Summit: शक्तिशाली G-20 का नहीं है मुख्यालय ? 10 फ्वाइंट में जानें सबकुछ

By Anshika Tiwari  |  First Published Sep 7, 2023, 3:06 PM IST

 G-20 Summit 2023 live updates:  G-20 Summit के लिए भारत तैयार है। कुछ घंटों बाद भारत दुनिया के सबसे बड़े जियो पॉलिटिक्स इवेंट की मेजबानी कर रहा है। राजधानी दिल्ली के कोने-कोने पर G-20 की झलक दिखाई दे रही है। ऐसे में आपके मन में ये सवाल उठ रहा है कि ये G-20 क्या है, इसकी स्थापना क्यों की गई, इसकी बैठक कहां हुई थी। इन सभी सवालों का जवाब आज हम इस लेख के जरिए देंगे।


नेशनल डेस्क।  G-20 Summit के लिए भारत तैयार है। कुछ घंटों बाद भारत दुनिया के सबसे बड़े जियो पॉलिटिक्स इवेंट की मेजबानी कर रहा है। राजधानी दिल्ली के कोने-कोने पर G-20 की झलक दिखाई दे रही है। अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, फ्रांस समेत तमाम बड़े देशों के प्रमुख बैठक में हिस्सा लेने हिंदुस्तान की सरजमीं पर आएंगे। ऐसे में आपके मन में ये सवाल उठ रहा है कि ये G-20 क्या है, इसकी स्थापना क्यों की गई, इसकी बैठक कहां हुई थी। इन सभी सवालों का जवाब आज हम इस लेख के जरिए देंगे।

1) G-20 समिट क्या है?

1999 से पहले एशिया में आर्थिक संकट चरम पर थी। जिसे देखते हुए दुनिया के 20 शक्तिशाली देशों के संगठन का निर्माण हुआ है। G-20 का उद्देश्य मजबूत इकॉनमी वाले देशों का आपसी व्यापार बढ़ाना, जलवायु परिवर्तन पर ठोस कदम उठाना समेत तमाम मुद्दों को हल करना है।

2) कौन-कौन से देश समिट का हिस्सा है?

भारत, चीन, अमेरिका, जापान, फ्रांस, रूस, साउथ कोरिया, ब्रिटेन, इटली, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इंडोनेशिया,  साउथ अफ्रीका, सऊदी अरब, तुर्किये, मेक्सिको, यूरोपीय संघ और अर्जनटीना शामिल हैं। 

3) जी-20 दुनिया के लिए क्यों अहम है?

बता दें,दुनिया की GDP में 85 फीसदी हिस्सा जी-20 देशा का है। व्यापार में 75 प्रतिशत हिस्सा इन देशों के पास है। लिहाजा ये समिट पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं। 

4) G-20 की शक्तियां?

यूनाइटेड नेशन की तरह G-20 के पास कोई खास शक्तियां नहीं है लेकिन आर्थिक तौर ये समूह काफी मजबूत है। यहां लिए गए फैसलों का असर अंतराराष्ट्रीय ट्रेड पर पड़ता है।

5) कैसे तय होता है कौन बनेगा अध्यक्ष ?

G-20 की प्रेसिडेंसी हासिल करने के ट्रोइका फॉर्मूले का यूज होता है। यानी मौजूदा प्रेसिडेंसी वाला देश पिछले और आगामी प्रेसिडेंसी वाले देशों के समर्थन में बैठक आयोजित करता है। सरल भाषा मे इस बार इंडोनेशिया, भारत, ब्राजील ट्रोइका फॉर्मूल में हैं। यानी इंडोनेशिया के बाद भारत और उसके बाद ब्राजील जी-20 की अध्यक्षता करेगा।  

6) कहां है जी-20 का मुख्यालय

जी-20 ग्रुप का कोई मेन ऑफिस नहीं है। हालांकि यहां रोटेशन प्रणाली है। जिसके जरिए हर साल एक देश जी-20 के नए अध्यक्ष का चुनाव होता है और अध्यक्ष बनने वाले देश एक साल तक जी-20 बैठक का संचालन करता है। 

7) कैसे काम करता है जी20?

जी-20 में दो ट्रेक होते हैं। फाइनेंशियल ट्रेक और शेरपा ट्रैक। फाइनेंशिय ट्रैक में सदस्य देशों के फाइनेंस मिनिस्ट औऱ सेंटर बैंक गवर्नर अहम होते हैं। जबकि शेरपा ट्रैक गाइड की तरह काम करते हैं। हर देश के पास अपना शेरपा होता है। जो ये बताते हैं कि किन मुद्दों पर बात करनी है। 

8) अभी तक जी-20 की कितनी बैठक हुई हैं?

1999 से जोड़ें तो जी-20 को गठित हुए 24 साल हो सके हैं हालांकि ये सदस्य देशों की 18वीं बैठक हैं। बता दें, ये जरुरी नहीं है कि हर साल जी-20 की बैठक संपन्न हो। 

9) आम जनता को इस ग्रुप से क्या लाभ ?

आप भी सोच रहे होंगे कि आम जनता को इस ग्रुप से क्या लाभ मिलेगा? बता दें, जी-20 दुनिया की मजबूत अर्थव्यवस्थाओं को मजूबत करने का संगठन है। ऐसे में खाद्य पदार्थों, महंगाई और रोजगा पर अहम फैसला लेता है। 

10) जी-20 देशों के अलावा ये देश भी लेंगे हिस्सा

दिल्ली में होने वाली बैठक में जी-20 के अलावा उन देशों को आमत्रंण भेजा गया है। जो संगठन के सदस्य नहीं है। जिसमें 9 देशों को, बांगलादेश, UAE,नीदरलैंड, मॉरीशस,नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर और स्पेन को आमंत्रित किया गया है। 

ये भी पढ़ें- G-20 Summit 2023: भारत के आगे झुके चीन और रूस ? हुआ बड़ा फायदा
 

click me!