आजादी के बाद भारत में पहली बार सामान से लदा एक मालवाहक पोत इस तरह नदी के रास्ते सामान लेकर जा रहा है। यह अंतरदेशीय जलमार्ग कोलकाता से वाराणसी को जोड़ता है। इसमें पेय पदार्थ बनाने वाली कंपनी पेप्सिको के 16 कंटेनर लदे हैं।
केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद वाराणसी से हल्दिया तक गंगा में कमर्शियल यातायात सेवा की शुरुआत करने का वादा किया गया था। विशेषज्ञों ने इसे असंभव कार्य बताया था। लेकिन सुर्खियों से दूर रहकर काम करने वाले केंद्रीय शिपिंग और जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने इस असंभव को संभव कर दिखाया है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि कोलकाता से गंगा नदी के रास्ते एक मालवाहक पोत वाराणसी के लिए सामान लेकर निकल चुका है। 12 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में इस पोत को रिसीव करेंगे।
आजादी के बाद भारत में पहली बार सामान से लदा एक मालवाहक पोत इस तरह नदी के रास्ते सामान लेकर जा रहा है। यह अंतरदेशीय जलमार्ग कोलकाता से वाराणसी को जोड़ता है। इसमें पेय पदार्थ बनाने वाली कंपनी पेप्सिको के 16 कंटेनर लदे हैं।
This should have been the biggest news of the week in India. For the first time since independence, a container is moving on inland vessel. PepsiCo is moving 16 containers from Kolkata to Varanasi on vessel MV RN Tagore, over river Ganga. Such a huge accomplishment!
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari)https://t.co/v56iKbJtYX Sri ji to recieve the container vessel traveled for the first time on Inland waterways NW1 Ganga at Varanasi on 12th Nov at newly developed Multimodel Terminal and shall dedicate the terminal to nation. pic.twitter.com/80TyY7iaqL
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari)इस पोत का नाम एमवी रवींद्रनाथ टैगोर रखा गया है। यह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दो जोन को जोड़ता है। पहला वाराणसी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है, वहीं दूसरा कोलकाता, जो बंगाल की राजधानी है और जहां भाजपा अपनी जड़ें पुख्ता करने की कोशिश कर रही है।
कंटेनरों से लदे पोत को केंद्रीय शिपिंग सचिव गोपाल कृष्ण ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन कंटेनरों में 16 ट्रकों में लादा जा सकने वाला खाने-पीने का सामान है। जिसे गंगा नदी के जरिये पहुंचाया जा रहा है। इस मालवाहक पोत को अपनी यात्रा पूरी करने में लगभग 9 दिन का समय लगेगा। वाराणसी के लिए रवाना हुए पोत में पेप्सिको का सामान लदा है। वहीं वापसी के दौरान यह प्रयागराज के पास फूलपुर के इफको के प्लांट से आई खाद लेकर लौटेगा।
यह भारत में विकसित किया गया अपनी तरह का पहला वाटरवे है। केंद्र सरकार जल मार्ग विकास परियोजना के तहत नेशनल वाटरवे 1 (गंगा नदी पर) का विकास कर रही है। यह 1,390 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। शिपिंग मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में इस रूट पर ढोए जाने वाले माल की क्षमता बढ़ सकती है। यह न सिर्फ पूर्वोत्तर क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा देगा बल्कि पर्यटन के क्षेत्र में भी बड़ा योगदान देगा।
दो अन्य वाटरवे भी तैयार किए जा रहे हैं. इनमें से दो दक्षिण भारत में है और एक पूर्वोत्तर में ब्रह्मपुत्र पर बन रहा है।