विद्यासागर तो बहाना, अगली 9 सीटें निशाना: 5 सवाल जिनके जवाब देने होंगे ममता सरकार को

बंगाल में सत्ताधारी टीएमसी का दावा है कि एबीवीपी के समर्थकों ने बंगाल के बड़े समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया। हालांकि टीएमसी अपने दावे के समर्थन में न तो साक्ष्य सामने रख पाई है और न ही एबीवीपी के ऐसा करने की ठोस वजह बता सकी है। 
 

Five questions for Mamata TMC to answer on Vidyasagar statue vandalising

टीएमसी शासित बंगाल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में जो भीड़ उमड़ी उसने सत्ताधारी दल के साथ-साथ कोलकाता को भी हैरान कर दिया। ममता के गढ़ में सात किलोमीटर लंबे इस रोड शो दौरान अभूतपूर्व हंगामा और बवाल हुआ। 

आरोप है कि जब यह रोड शो विद्यासागर कॉलेज परिसर के पास से गुजर रहा था कुछ लोगों ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के ऊपर काले झंडे फेंके। इसके बाद टीएमसी और भाजपा के कार्यकर्ता आपस में उलझ गए। इस दौरान कुछ शरारती लोगों ने देश के बड़े समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को खंडित कर दिया। 

टीएमसी की ओर यह बताने की कोशिश की गई कि प्रतिमा को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने खंडित किया। हालांकि इस दावे के समर्थन में कोई साक्ष्य पेश नहीं किया गया। अलबत्ता टीएमसी ने इसे बंगाल की अस्मिता का मुद्दा जरूर बना लिया। देखते ही देखते ममता बनर्जी ने अपने ट्विटर हैंडिल पर ईश्वर चंद्र विद्यासागर की तस्वीर लगा ली। 

यही नहीं ममता ने इस मुद्दे को लेकर कोलकाता में बेलियाघाट से लेकर श्याम बाजार तक मार्च भी निकाला।

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में बंगाल में नौ सीटों के लिए चुनाव होना है। ये सारी कवायद इस अहम चरण से पहले सियासी बढ़त लेने की है। विद्यासागर कॉलेज विवाद को लेकर 'माय नेशन' ऐसे पांच सवाल पूछता है, जो कई लोगों के मन में हैं?

1. उस कमरे में लगे सीसीटीवी की फुटेज कहां है, जिसमें एबीवीपी के कार्यकर्ता कथित तौर पर मूर्ति को तोड़ते नजर आ रहे हैं?

2.    इस कॉलेज को जानने वाले लोगों को पता है कि कैंपस में ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा कॉलेज के  सामने नहीं बल्कि काफी अंदर लगी है। यह कैसे संभव है कि जिस कॉलेज में टीएमसी की छात्र ईकाई का दबदबा है, वहां एबीवीपी के कार्यकर्ता इतने अंदर तक जाकर प्रतिमा को खंडित कर देते हैं और टीएमसी के समर्थक एक बार भी उन्हें रोकने का प्रयास नहीं करते?

3. लेफ्ट के बड़े नेता सीताराम येचुरी और कांग्रेस नेता अहमद पटेल इस विवाद में विचारधार को खींच लाए लेकिन इन नेताओं को पता होना चाहिए कि भारत में पुनर्जागरण  के पुरोधा विद्यासागर भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के शुरुआती दौर के एक ऐसे नायक थे, जिन्होंने हिंदू राष्ट्रवाद को प्रेरित और पोषित किया। ऐसे में सवाल उठता है कि एबीवीपी ऐसे शख्स की प्रतिमा क्यों खंडित करेगी जो उसका वैचारिक प्रतिद्वंद्वी न हो?

4. इसमें कोई शंका नहीं है कि बंगाल में भाजपा का सियासी उभार हो रहा है। वह सत्ताधारी टीएमसी के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है। ऐसे में एबीवीपी और भाजपा बंगाल की महान विभूतियों को निशाना बनाकर अपनी संभावनाओं को क्यों कम करना चाहेगी?

5. बंगाली अस्मिता को नुकसान पहुंचाने की कहानी गढ़ना सत्ताधारी दल टीएमसी को मुफीद लगता है। अगर वह भाजपा और एबीवीपी को विद्यासागर की प्रतिमा खंडित करने और बंगाल की अस्मिता से छेड़छाड़ करने का दोषी साबित करने में सफल रहती है तो निश्चित ही उसे सियासी तौर पर फायदा होगा। क्या नहीं?


 

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