मानसून करेगी आपकी जेब ढीली, महंगाई के लिए रहे तैयार

By Team MyNation  |  First Published Jul 29, 2019, 8:19 PM IST

इस बार फिर मानसून की बेरूखी आम जनता पर पढ़ सकती है। क्योंकि बारिश का असर सीधे तौर पर फसलों के उत्पादन पर पड़ने वाला है। कई राज्यों में बारिश के कारण खेतों में खड़ी फसल को नुकसान हो रहा है तो कहीं धान या अन्य मौसमी फसलों के लिए पानी नहीं मिल रहा है। जिसका सीधा असर उत्पादकता होगा। फिलहाल बाजार में बारिश के कारण सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं।

मानसून की बेरूखी अब आपके जेब पर भी पड़ने वाली है। कहीं पर बारिश कहर बन रही है तो कहीं पानी के लिए लोग और फसलें तरस रहे हैं। लिहाजा आने वाले समय में महंगाई बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इसका असर सबसे पहले आपकी थाली पड़ने जा रहा है। क्योंकि दालों की कीमतों में जल्द ही इजाफा हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय मे दालों की कीमतों में दस फीसदी से ज्यादा का बढ़ोत्तरी हो सकती है।

इस बार फिर मानसून की बेरूखी आम जनता पर पढ़ सकती है। क्योंकि बारिश का असर सीधे तौर पर फसलों के उत्पादन पर पड़ने वाला है। कई राज्यों में बारिश के कारण खेतों में खड़ी फसल को नुकसान हो रहा है तो कहीं धान या अन्य मौसमी फसलों के लिए पानी नहीं मिल रहा है।

जिसका सीधा असर उत्पादकता होगा। फिलहाल बाजार में बारिश के कारण सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। चाहे आलू हो या फिर टमाटर या फिर धनिया सभी के भाव तेजी से बढ़ रहे हैं।

सबसे ज्यादा असर टमाटर और धनिया की कीमतों में देखा जा रहा है। क्योंकि इनकी कीमतें सबसे ज्यादा बढ़ी हैं। टमाटर की कीमतों में पचास फीसदी से ज्यादा का इजाफा हो चुका है। वहीं अन्य सब्जियों के भाव में भी लगातार इजाफा हो रहा है।

लिहाजा बाजार के जानकारों के मुताबिक इस बार महंगाई दर सात फीसदी से ऊपर जा सकती है। महंगाई का असर जाहिर तौर से आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। उनका मानना है कि आने वाले समय में दालों की कीमतों में इजाफा होगा।

क्योंकि अभी बाजार में दालें काफी सस्ती हैं और पिछले सालों में दालों का उत्पादन देश में बढ़ा है। अभी तक देश के 36 मौसम केन्द्रों में से 21 उपकेन्द्रों में बारिश कम हुई है। ये पिछले पांच साल के नीचे हैं।

अभी तक देश के कई राज्यों में बारिश ढंग से हुई भी नहीं है केवल महाराष्ट्र के पश्चिमी हिस्से, लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार, यूपी के कुछ हिस्सों, पंजाब और पूर्वोत्तर भारत में ही सामान्य बरिश हुई है।

लिहाजा इसका सीधा असर खरीफ फसलों में देखने को मिलेगा। जानकारों के मुताबिक मानसून का असर धान, बाजरा, मक्का, ज्वार, तुअर, उड़द, मूंगफली और सोयाबिन की फसल पर होगा। क्योंकि बारिश के कारण इस बार उत्पादन में 14 फीसदी कम हो सकती है।

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