पाकिस्तान की फिर फजीहत, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने एफ-16 पर पत्रिका के दावे की हवा निकाली

By Team MyNationFirst Published Apr 7, 2019, 10:52 AM IST
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रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण बोली, हमने तो पहले ही सामने रख दिए थे सबूत। ‘फॉरेन पॉलिसी मैगजीन’ ने दावा किया था कि अमेरिका ने एफ-16 लड़ाकू विमान की गिनती में पाया है कि पाकिस्तान के सभी विमान वहां सुरक्षित हैं। पेंटागन ने कहा, ऐसी किसी पड़ताल की जानकारी नहीं है।
 

पाकिस्तान को एक बार फिर फजीहत का सामना करना पड़ा है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने कहा है कि उसे पाकिस्तान में एफ-16 विमानों के ऑडिट की कोई जानकारी नहीं है। दरअसल, अमेरिकी पत्रिका ‘फॉरेन पॉलिसी मैगजीन’ ने दावा किया था कि पाकिस्तान के पास जितने एफ-16 लड़ाकू विमान थे उनमें से कोई भी ‘लापता’ नहीं है। अमेरिकी ने इसका ऑडिट किया है और किसी भी एफ-16  को नुकसान नहीं पहुंचा है। पत्रिका के अनुसार, पाकिस्तान ने इस घटना के बाद अमेरिका को एफ-16 लड़ाकू विमान की गिनती करने के लिए आमंत्रित किया था।

हालांकि पेंटागन के एक प्रवक्ता ने कहा है कि अमेरिकी रक्षा विभाग ऐसी किसी जांच से वाकिफ नहीं है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि व्हाइट हाउस की मंशा नई दिल्ली के दावे के समर्थन में खड़े होने की है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता जनवरी 2018 से ही बंद कर दी है।

इस बीच, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने रिपोर्ट को निराधार बताते हुए कहा कि भारत ने पहले ही पाकिस्तान के एफ-16 में इस्तेमाल की जाने वाली एमरॉम मिसाइल के टुकड़े को सबूत के तौर पर पेश किया है। रक्षा मंत्री ने अमेरिकी मैगजीन की रिपोर्ट पर कहा, 'भारतीय वायुसेना ने एफ-16 के इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर बतौर सबूत पेश किए हैं। ऐसे में जिस किसी ने भी यह रिपोर्ट लिखी है, वह निराधार है। एमरॉम मिसाइल केवल एफ-16 विमानों में इस्तेमाल की जाती है। उसका एक टुकड़ा भारत में कैसे मिला?'

14 फरवरी को पुलवामा में हुए फिदायीन हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के  बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों  पर  एयर स्ट्राइक की थी। इसके बाद पाकिस्तान की वायुसेना कुछ दिन बाद जवाबी हमला करने की कोशिश की लेकिन वायुसेना की कड़ी चौकसी की बदौलत इस हमले को नाकाम कर दिया गया। इस कार्रवाई में वायुसेना के मिग-21 वाइसन ने एफ-16 विमान को निशाना बनाया था। यह विमान विंग कमांडर अभिनंदन उठा रहे थे। हालांकि संघर्ष के दौरान उनका विमान भी क्षतिग्रस्त हो गया। विंग कमांडर विमान से कूदे लेकिन पीओके में उतरे। इसके बाद उन्हें पकड़ लिया गया। हालांकि  भारत ने कूटनीतिक दबाव बनाते हुए दो दिन में ही उनकी सकुशल वापसी करा ली। 

अमेरिकी पत्रिका की रिपोर्ट भारत के उन दावों को खारिज करती थी कि उसकी वायु सेना ने 27 फरवरी को हवाई संघर्ष के दौरान एक एफ-16 लड़ाकू विमान मार गिराया था। हालांकि भारत ने पाकिस्तानी एफ-16 द्वारा दागी गई एएमआरएएएम मिसाइल के टुकड़े दिखाए थे जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि पाकिस्तान ने कश्मीर में भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए हवाई हमले के दौरान अमेरिकी निर्मित एफ-16 लड़ाकू विमान तैनात किया था।

पाकिस्तान ने कहा था कि किसी एफ-16 विमान का इस्तेमाल नहीं किया गया और अपने एक विमान को भारतीय वायु सेना द्वारा मार गिराए जाने के दावे का भी खंडन किया था। अमेरिकी पत्रिका के दावे पर भी पाकिस्तान की ओर से कहा गया कि एफ-16 को लेकर हमारी बात सही निकली। पाकिस्तानी सेना के प्रचार विभाग ने कुछ मिसाइल दिखाते हुए दावा किया था कि एफ-16 की सभी मिसाइलें सुरक्षित हैं।

IAF claim of hitting F-16 by their Mig 21 before having been shot down by PAF gets exposed. All 4 missile seeker heads recovered intact from the wreckage & held. Pakistan and its professional Armed Forces staying humble by not drum beating. We have more truth on this to share. pic.twitter.com/jOklFU7GDJ

— Maj Gen Asif Ghafoor (@OfficialDGISPR)

 

 

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