केरल के पूर्व डीजीपी जैकब थॉमस ने कहा अधिक से अधिक बोलें जय श्रीराम

By Team MyNation  |  First Published Aug 2, 2019, 11:56 AM IST

राज्य सरकार ने जैकब को एक घोटाले में शामिल होने के आरोप में निलंबित किया है। त्रिशूर में रामायण उत्सव के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा कि सत्य, धार्मिकता, न्याय और सदाचारी का अवतार थे। उन्होंने कहा कि हमें भगवान राम के मूल्यों को अपना चाहिए क्योंकि अगर हम इन मूल्यों को नहीं अपनाते हैं तो निसंदेह हम लोग राक्षसी प्रवृत्ति के हो रहे हैं।

त्रिशूर। केरल के निलंबित पुलिस महानिदेशक जैकब थॉमस ने कहा कि देश में बढ़ते राक्षसी कार्यों को देखते हुए हमें अधिक से अधिक जय श्रीराम का जाप करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान राम सत्य, धार्मिकता और न्याय के अवतार थे।

लिहाजा उनके कदमों पर चल कर हमें इनका पालन करना चाहिए और जय श्री राम बोलना चाहिए। हालांकि निलंबित किए गए जैकब को कैट से राहत मिल गयी है और कैट ने राज्य सरकार को उन्हें बहाल करने का आदेश दिया है।

राज्य सरकार ने जैकब को एक घोटाले में शामिल होने के आरोप में निलंबित किया है। त्रिशूर में रामायण उत्सव के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा कि सत्य, धार्मिकता, न्याय और सदाचारी का अवतार थे।

उन्होंने कहा कि हमें भगवान राम के मूल्यों को अपना चाहिए क्योंकि अगर हम इन मूल्यों को नहीं अपनाते हैं तो निसंदेह हम लोग राक्षसी प्रवृत्ति के हो रहे हैं। उन्होंने दो घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य के पलक्कड़ जिले के अट्टापडी में आदिवासी महिला मधु की भीड़ हिंसा और चवक्कड में एक राजनीतिक कार्यकर्ता की हत्या जैसी घटनाओं से पता चलता है कि इन मूल्यों को हम भूलते जा रहे हैं और वर्तमान में इन्हें अपनाने की जरूरत है। हमें राम के मूल्यों को अपना चाहिए।

पूर्व डीजीपी ने कहा कि भारत एक ऐसा देश नहीं बन सकता है जहां पर  जय श्रीराम बोलना गैरकानूनी करार दिया जाता हो। यही एक उत्तम समय हैं जब हम सबको जय श्रीराम बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब हम जय श्रीराम नहीं कह सकते हैं तो ये समझ लिजिए कि हम लोगों का दिमाग उस स्थिति में पहुंच गया है जहां पर हम बुरे बन गए हैं। हमें इसके लिए सोचना चाहिए। इसके लिए हमें जय श्रीराम बोलना चाहिए।

गौरतलब है कि राज्य में पुलिस महानिदेशक रहते हुए जैकब को निलंबित कर दिया गया था क्योंकि उन पर आरोप है कि उन्होंने पूर्व में  बंदरगाह निदेशक के पद पर रहते हुए ड्रेजर की खरीद में भ्रष्टाचार किया था। हालांकि उन्हें केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने राहत मिल गयी है। लेकिन अभी तक राज्य सरकार ने उन्हें बहाल नहीं किया है। जबकि कैट इसके लिए राज्य सरकार को आदेश दे चुकी है। 

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