आखिर झारखंड में हिरासत में क्यों लिए गए ज्यां द्रेज? जानिए चार कारण

By Siddhartha Rai  |  First Published Mar 28, 2019, 4:14 PM IST

झारखंड पुलिस का कहना है कि उनके पास वामपंथी अर्थशास्त्री को नक्सल प्रभावित दुमका जिले में हिरासत में लिए जाने का पर्याप्त आधार है। हर किसी से बहस करना बेमानी है।

झारखंड के नक्सल प्रभावित जिले दुमका में वामपंथी अर्थशास्त्री और एक्टिविस्ट ज्यां द्रेज को हिरासत में लिए जाने के बाद से लेफ्ट की ओर झुकाव रखने वाले विद्वानों ने सोशल मीडिया पर बवाल काट रखा है। वहीं राज्य पुलिस ने ‘माय नेशन’ को बताया कि नियमों की गंभीर अवहेलना के चलते ज्यां द्रेज को हिरासत में लिया गया है। 

बैठक की नहीं थी इजाजत

द्रेज और दूसरे आयोजकों ने उनके बैठक में शामिल होने को लेकर कोई पूर्वानुमति नहीं ले रखी थी। उन्हें नक्सल प्रभावित दुमका जिले के बिशनपुर पुलिस स्टेशन में ऐहतियातन हिरासत में रखा गया। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, हमें आशंका था कि इस बैठक से शांति और कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है, इसलिए उन्हें ऐहतियातन हिरासत में लिया गया। पुलिस से इस तरह की बैठकों के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना आवश्यक होता है। अन्यथा गैरकानूनी ढंग से एक जगह जुटने पर आईपीसी की धाराएं और राज्य विशेष के कानून अमल में लाए जा सकते हैं। 

चुनाव आचार संहिता जारी 

नाम न बताने की शर्त पर झारखंड पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘माय नेशन’ से कहा, ‘वह काफी पढ़े लिखे शख्स हैं। क्या उन्हें नहीं पता है जब चुनाव आयोग की ओर से आचार संहिता जारी हो तो किसी भी तरह की जनसभा करने के लिए इजाजत लेनी होती है।’ आचार संहिता लगे होने के बावजूद द्रेज जनसभा करने जा रहे थे। यह बिना पूर्व अनुमति लिए बिना किए जा रहा था।
 
द्रेज यूपीए की नेशनल एडवाइजरी काउंसिल (एनएसी) का हिस्सा थे। इसे मनमोहन सिंह सरकार के समय सामानांतर व्यवस्था माना जाता था। 

नक्सल प्रभावित क्षेत्र है दुमका

स्थानीय पुलिस को आशंका था कि कुछ उग्र वामपंथी इस कार्यक्रम में पहुंचकर अशांति फैला  सकते हैं। दुमका देश में आधिकारिक तौर पर नक्सल प्रभावित घोषित किए गए 90 जिलों में से एक हैं। इनमें से 19 झारखंड में हैं। कई लोगों का आरोप है कि ज्यां द्रेज नक्सलियों से सहानुभूति रखते हैं। हालांकि वह अक्सर इन आरोपों को खारिज करते रहे हैं। 
 
द्रेज के सहयोगियों ने किया दुर्व्यवहार?
 
सूत्रों के अनुसार, जिला प्रसाशन और पुलिस के अधिकारी उस जगह पर पहुंचे थे जहां यह जनसभा प्रस्तावित थी। लेकिन द्रेज के सहयोगियों ने ‘प्रसाशन के साथ दुर्व्यवहार किया और उनकी कार्रवाई का विरोध किया।’ यही वजह है कि पुलिस को उन्हें बिशनपुर पुलिस स्टेशन में हिरासत में बिठाना पड़ा।

शीर्ष पुलिस अधिकारी के अनुसार, ‘हमने जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है और उनकी सूचना के अनुसार द्रेज के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर यह पाया गया कि उन्होंने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।’

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