गडकरी बनेंगे 'संकटमोचक', सरकार बनाने के लिए निकालेंगे रास्ता

असल में राज्य में आने वाले दिन काफी अहम हैं। क्योंकि राज्य में जिस तरह से राजनैतिक गतिरोध जारी है। उसको देखते हुए अभी तक किसी भी तरह की स्थिति साफ नहीं है। हालांकि कल के शरद पवार के बयान के बाद शिवसेना नरम पड़ी है क्योंकि पवार ने साफ कर दिया था कि एनसीपी और कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला हुआ है।

Gadkari will be 'troublemaker', will find a way to form government

मुंबई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीबी समझे जाने वाले केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी अब भाजपा के लिए संकटमोचक बनेंगे। संघ ने राज्य में भाजपा और शिवसेना की सरकार बनाने की जिम्मेदारी गडकरी को सौंपी है। लिहाजा माना जा रहा है कि बीच का रास्ता निकालकर राज्य में सरकार बनाने के लिए गडकरी शिवसेना से बातचीत करेंगे। चर्चा है कि आज गडकरी संघ प्रमुख से मिल सकते हैं।

Gadkari will be 'troublemaker', will find a way to form government

असल में राज्य में आने वाले दिन काफी अहम हैं। क्योंकि राज्य में जिस तरह से राजनैतिक गतिरोध जारी है। उसको देखते हुए अभी तक किसी भी तरह की स्थिति साफ नहीं है। हालांकि कल के शरद पवार के बयान के बाद शिवसेना नरम पड़ी है क्योंकि पवार ने साफ कर दिया था कि एनसीपी और कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला हुआ है। लिहाजा सरकार बनाना उनका काम नहीं है। पवार ने साफ किया है कि भाजपा और शिवसेना 25 साल से गठबंधन में है और सरकार बनाने की जिम्मेदारी भी उनकी है।

लिहाजा अब संघ ने राज्य में सरकार बनाने की जिम्मेदारी केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी को दी है। संघ ने गडकरी को आदेश दिया ह कि वह शिवसेना से गतिरोध को कम करे। लिहाजा गडकरी ने भी अपने करीबी लोगों के साथ शिवसेना से बातचीत करनी शुरू कर दी है।  गौरतलब है कि 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद अभी तक राज्य मे सरकार को लेकर सस्पेंस है। राज्य में 11 नवंबर तक सरकार बननी जरूरी है।

क्योंकि मौजूदा सरकार का कार्यकाल इसी दिन खत्म हो रहा है। अगर राज्य में सरकार नहीं बनती है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लग जाएगा। वहीं शिवसेना अभी भी 50-50 के फार्मूले पर अड़ी है। असल में शिवसेना को लगता है कि अगर इस बार उसे सीएम का पद नहीं मिला तो आने वाले समय में भाजपा के मजबूत होने से ये पद उससे दूर चला जाएगा। हालांकि माना जा रहा है कि भाजपा और शिवसेना के नेता पिछले दरवाजे से बातचीत कर रहे हैं।

जिसके मुताबिक सरकार में शिवसेना को ज्यादा मंत्री के पद दिए जाएंगे वहीं भाजपा के पास सीएम, गृहमंत्रालय और स्पीकर का पद रहेगा। वहीं शिवसेना के खाते में उपमुख्यमंत्री का भी पद होगा। गौरतबल है कि राज्य की 288 सीटों में 105 भाजपा के पास, शिवसेना के पास 56,एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास विधानसभा की 44 सीटें हैं।

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