असल में उत्तर प्रदेश ने कोटा में दो सौ बसों को भेजने का फैसला किया है। जो कोटा में रह रहे राज्य के छात्र छात्राओं को वापस लाएंगे। क्योंकि लॉकडाउन होने के कारण वहां पर हजारों की संख्या में छात्र -छात्राएं फंसे हुए हैं और हास्टल और गेस्ट हाउस में रह रहे हैं। जबकि वहां पर कोचिंग बंद हो चुकी हैं।
नई दिल्ली। कोरोना कहर के बीच राजस्थान के कोटा उत्तर प्रदेश के रहने वाले लगभग 7500 छात्र छात्रा को प्रदेश में वापस के फैसले को लेकर राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ हो रही है। वहीं योगी तारीफ राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत कर रहे हैं। लेकिन राज्य के पूर्व सीएम अखिलेश यादव कोटा के बहाने योगी सरकार के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं।
असल में उत्तर प्रदेश ने कोटा में दो सौ बसों को भेजने का फैसला किया है। जो कोटा में रह रहे राज्य के छात्र छात्राओं को वापस लाएंगे। क्योंकि लॉकडाउन होने के कारण वहां पर हजारों की संख्या में छात्र -छात्राएं फंसे हुए हैं और हास्टल और गेस्ट हाउस में रह रहे हैं। जबकि वहां पर कोचिंग बंद हो चुकी हैं। वहां रह रहे छात्र-छात्राएं अपने घरों में वापस जाने के लिए उत्सुक हैं। जिसके इसके बाद छात्रों ने सोशल मीडिया में अभियान चलाया गया। जिसके बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उन्हें कोटा से वापस लेने का फैसला किया। राज्य सरकार ने फैसला किया है कि बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा और एक बस में महज तीस छात्रों को ही बैठाया जाएगा।
यूपी सरकार ने लगभग 250 बसों को भेजने का फैसला किया है ताकि लगभग 7500 छात्रों को उनके परिवार से मिलवाया जा सके। माना जा रहा है कि रविवार तक ये लोग अपने घरों तक पहुंच जाएंगे। वहीं यूपी सरकार के इस कदम ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रशंसा की हैं। उन्होंने कहा कि यूपी की तरह अन्य राज्य सरकारों को भी सुनिश्चित करना चाहिए कि तालाबंदी के दौरान कोचिंग शहर में फंसे छात्र अपने घरों तक सुरक्षित पहुंच सकें।
वहीं योगी सरकार के इस फैसले पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सवाल उठाए हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार को राज्य के अन्य लोगों के लिए भी फैसले करने चाहिए जो राज्य सरकार की तरफ उम्मीद से देख रहे हैं।