यूपी के गाजीपुर में पथराव में सिपाही की मौत के मामले में अब तक 19 गिरफ्तार। हिंसा का आरोप निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं पर। कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने पीएम मोदी पर उठाए सवाल।
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के नौनेरा क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों की पत्थरबाजी के दौरान एक पुलिस कांस्टेबल सुरेश वत्स की मौत के बाद यूपी में सियासत तेज हो गई है। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी एक ही भाषा है, 'ठोक दो।' यह घटना इसी का नतीजा है। बुलंदशहर के बाद गाजीपुर में भीड़ द्वारा पुलिसकर्मी को निशाना बनाए जाने की घटना हुई है। वहीं अब तक इस मामले में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस हिंसा का आरोप निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लग रहा है। पुलिस ने कांस्टेबल की मौत के मामले में 32 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने रविवार को यहां बताया कि गाजीपुर में हुए पथराव में हेड कांस्टेबल सुरेश प्रताप सिंह वत्स की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस मामले में दर्ज हुए तीन मुकदमों में अब तक कुल 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
One constable dead & two locals from the area injured in stone pelting allegedly by Nishad Party workers near Atwa Mor police station in Naunera area, earlier today. pic.twitter.com/FnviOzuRIU
— ANI UP (@ANINewsUP)हिंसा की आरोपी निषाद पार्टी के अध्यक्ष ने शनिवार को हुई हिंसा में किसी तरह के रोल से इनकार किया है। निषाद पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा, 'हमारी पार्टी पर लग रहे हिंसा के आरोप बेबुनियाद हैं। हम देश के संविधान को सर्वोपरि मानते हैं और वही हमारे लिए बाइबल और कुरान है।'
उधर, इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने ट्वीट किया, 'उत्तर प्रदेश में आए दिन भीड़ की हिंसा में पुलिकर्मियों की मौत चिंता का विषय है। वह भी ठीक उस जगह जहां पीएम मोदी ने रैली की हो। कांग्रेस पर झूठे आरोप लगाने की जगह पीएम हमारे सिपाहियों की जान बचाने पर ध्यान लगाएं।'
Repeated lynching of policemen in UP in broad daylight is a matter of grave concern, that too at the same spot where PM held his rally
Rather than levelling false accusations at the Congress party, PM must focus on protecting our men in uniform
इस बीच, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना को स्थानीय प्रशासन की नाकामी करार देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री की रैली की वजह से प्रशासन और पूरे खुफिया विभाग को पता था कि कहां पर किसका धरना-प्रदर्शन होने वाला है, मगर इसके बावजूद यह दुखद घटना घट गई। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसकी आड़ में निर्दोष लोगों को परेशान किया जा रहा है। अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, उत्तर प्रदेश सरकार ने कानून एवं व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। जहां योगी जी कहते है कि ठोक दो.. तो कभी पुलिस को नहीं समझ नहीं आता कि किसको ठोके और कभी जनता को नहीं समझ आ रहा है कि किसे ठोके। दोनों कंफ्यूज हैं।
Akhilesh Yadav, SP on Ghazipur stone pelting incident where a policeman died: Ye ghatna isliye ghati hai kyunki CM sadan mein ho ya manch pe ho unki ek hi bhasha hai ‘thok do’. Kabhi police ko nahi samjh aata kise 'thokna' hai kabhi janta ko nahi samajh aata kise 'thokna' hai. pic.twitter.com/0eQCbhGhJe
— ANI UP (@ANINewsUP)गाजीपुर जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में जाने से रोके जाने से नाराज लोगों द्वारा किए गए पथराव में हेड कांस्टेबल वत्स की मृत्यु हो गई थी। जिला पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को पुलिस तथा प्रशासन ने प्रधानमंत्री की रैली में जाने से रोका था। इससे नाराज होकर उन्होंने जगह-जगह रास्ता जाम कर दिया और रैली से लौटने वाले वाहनों पर पथराव किया। इस दौरान जाम खुलवाने गये हेड कांस्टेबल सुरेश वत्स (48) के सिर पर पत्थर लगने से उसकी मौत हो गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृत पुलिसकर्मी के परिजन को 40 लाख रूपये और उनके माता-पिता को 10 लाख रुपये की सहायता का ऐलान करते हुए इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस महीने ऐसी वारदात में किसी पुलिसकर्मी की मौत का यह दूसरा मामला है। इससे पहले, गत तीन दिसम्बर को बुलंदशहर में हिंसक भीड़ के हमले में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह मारे गए थे।