देश के स्कूलों में बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन की तो व्यवस्था कर दी गई है। लेकिन पीने का पानी अभी भी उपलब्ध नहीं है। इसी चक्कर में मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक बच्चे की जान चली गई।
यह मामला छतरपुर जिले के राजनगर तहसील शिक्षा केन्द्र के घूरा संकुल का है। जहां मध्यान्ह भोजन तो मिलता है। लेकिन पीने के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं बच्चों को पीने के लिए अपने घर से पानी लाना पड़ता है।
यहां हीराजू गांव का प्राइमरी स्कूल है जिसमें पानी की किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं है इस स्कूल में पानी की व्यवस्था ना होने के कारण बच्चे मध्यान्ह भोजन में भोजन करने के बाद पानी के लिए अपने घरों की ओर चले जाते हैं और वापस स्कूल की ओर आते हैं।
कक्षा एक में पढ़ने वाली छह साल की खुशी पटेल अपने घर में मध्यान्ह भोजन के बाद पानी लेने के लिए गई हुई थी। जब वह वापस लौट रही थी इसी दौरान एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने उसको कुचल दिया। उस बच्ची की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
इस बारे में जब स्कूल के शिक्षकों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत कई बार वरिष्ठ अधिकारियों से की गई। लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया।