अब केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार मलेशिया की बयानबाजी को रोकने के लिए बड़ा झटका दे सकती है। क्योंकि मलेशिया पाकिस्तान के पक्ष में काफी अरसे से बयान दे रहा है। मलेशिया कश्मीर और भारत के अंदरूनी मामलों में लगातार बयानबाजी कर रहा है। मलेशिया ने पहले कश्मीर और उसके बाद नागरिकता संसोधन कानून को लेकर बयान दिया था।
नई दिल्ली। भारत के खिलाफ और अंदूरूनी मामलों में पाकिस्तान का साथ देने वाले मलेशिया को भारत सरकार जल्द ही बड़ा झटका दे सकती है। सरकार मलेशिया से तेल का आयात रोक सकती है। इसके लिए जल्द ही केन्द्र सरकार फैसला कर सकती है। हालांकि सरकार पहले से ही अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है।
अब केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार मलेशिया की बयानबाजी को रोकने के लिए बड़ा झटका दे सकती है। क्योंकि मलेशिया पाकिस्तान के पक्ष में काफी अरसे से बयान दे रहा है। मलेशिया कश्मीर और भारत के अंदरूनी मामलों में लगातार बयानबाजी कर रहा है। मलेशिया ने पहले कश्मीर और उसके बाद नागरिकता संसोधन कानून को लेकर बयान दिया था। जिसका भारत सरकार ने विरोध किया था। लिहाजा अब केन्द्र सरकार पाम तेल के आयात पर रोक लगाकर मलेशिया को सबक सिखाना चाहती है।
हालांकि कश्मीर पर बयानबाजी के बाद भारत सरकार ने इस बात के संकेत दिए थे कि पाम ऑयल का आयात मलेशिया से बंद किया जा सकता है। हालांकि इस बारे में सरकारी तौर पर किसी भी तरह का बयान नहीं आया था। उद्योग जगत भी मलेशिया की बयानबाजी को लेकर नाराज था। जिसके बाद कंबोडिया और थाईलैंड के पॉम ऑयल के संकेत दिए गए। इसके बाद मलेशिया में पॉम ऑयल के दाम लगातार गिरने लगे थे। क्योंकि पॉम ऑयल का बड़ा आयातक है। पॉम ऑयल के मामले में उद्योग जगत की सरकार के साथ बैठक हुई है। जिसमें अनौपचारिक तौर से मलेशिया से तेल का आयत रोकने को कहा गया है। ताकि मलेशिया को बड़ा झटका लगे।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र में भी मलेशिया ने पाकिस्तान का साथ दिया और इस मामले को उठाया था। हालांकि भारत ने साफ कर दिया था कि कश्मीर मामला भारत का आंतरिक मामला है। लिहाजा किसी दूसरे पक्ष को इसमें दखल देने की जरूरत नहीं है। लेकिन उसके बाद मलेशिया ने नागरिकता संसोधन कानून को लेकर भारत सरकार के खिलाफ बयान दिया था। यही नहीं भारत के भगोड़े जाकिर नाइक को भी मलेशिया ने अपने वहां पर शरण दी है।