आज केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में रबी फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला किया गया है। जिससे किसानों को तो फायदा होगा ही, सरकार भी चुनाव में इसका लाभ उठा सकती है।
केन्द्र सरकार ने किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया है। त्योहारों का मौसम शुरु होते ही सरकार ने अन्नदाताओं के लिए उपहारों का पिटारा खोल दिया है।
कैबिनेट ने 2018-19 के लिए रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है। जिसके बाद किसानों को गेहूं, चना, सरसों, मसूर, कुसुम और जौ की ज्यादा कीमत मिलेगी।
नई फसल की बुवाई शुरू हो चुकी है। ऐसे में समर्थन मूल्य देखकर किसान अंदाज लगा सकेंगे कि कौन सी फसल बेचने में उन्हें फायदा होगा। गेहूं के एमएसपी नें 105 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। इसका नया समर्थन मूल्य 1,840 रुपए होगा।
इसी तरह चने का मूल्य भी 220 रुपए बढ़ाकर 4,620 रुपए कर दिया है। मसूर का 2018-19 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 225 रुपए बढ़कर 4,475 रुपए हो गया है। सरसों का भी दाम 200 रुपए बढ़ाकर 4200 रुपए हो गया है।
जौ की फसल का नया एमएसपी 30 रुपए बढ़कर 1,440 रुपए हो गया है। कुसम का समर्थन मूल्य 845 रुपए बढ़कर 4,945 रुपए हो गया है।
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रैंस करके बताया, कि इससे पूरे देश के किसानों की आय 62,635 करोड़ रुपए होगी।
अभी कल तक किसान फसलों की सही कीमत को लेकर आंदोलन कर रहे थे। तथाकथित किसान नेताओं ने भोलेभाले अन्नदाताओं को भड़का कर अपनी राजीतिक रोटी सेंकने की कोशिश की थी। विपक्षी दल किसानों को आगे करके सरकार पर निशाना साध रहे थे।
लेकिन केन्द्रीय कैबिनेट के आज के फैसले ने इन सभी दुरभिसंधियों पर पानी फेर दिया है।