बड़ी कामयाबी: सुरक्षा बलों ने टॉप हिजबुल कमांडर रियाज नाइकू को उतारा मौत के घाट, आठ साल से थी तलाश

By Team MyNation  |  First Published May 6, 2020, 6:16 PM IST

जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में एहतियात के तौर पर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को पहले ही रोक दी गई हैं। क्योंकि आशंका है कि लोगो नाइकू की मौत पर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। हिजबुल मुजाहिदीन का ऑपरेशनल कमांडर रियाज नाइकू पुलवामा के बेइगपोरा गांव में फंस गया था। जिसके बाद सुरक्षा बलों ने उसे मौत के घाट उतार दिया है। 

श्रींनगर। सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नाइकू को मौत के घाट उतार दिया है। सुरक्षा बलों ने उसे पुलवामा जिले के उसके गांव के पास एक मुठभेड़ में मार गिराया है। सुरक्षों बलों के लिए ये एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। नाइकू की तलाश पिछले आठ से सुरक्षा बल कर रहे थे और उस पर 12 लाख का इनाम था।

जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में एहतियात के तौर पर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को पहले ही रोक दी गई हैं। क्योंकि आशंका है कि लोगो नाइकू की मौत पर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। हिजबुल मुजाहिदीन का ऑपरेशनल कमांडर रियाज नाइकू पुलवामा के बेइगपोरा गांव में फंस गया था। जिसके बाद सुरक्षा बलों ने उसे मौत के घाट उतार दिया है।  जानकारी के मुताबिक आंतकी बुरहान वानी के शहीद होने के बाद रियाज नाइकू ने हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर का  पदभार संभाला था। नाइकू पर सरकार ने 12 लाख रुपये का इनाम रखा था।

आतंकी बनने से पहले नाइकू एक स्थानीय स्कूल में गणित शिक्षक का शिक्षक था।  वहीं सुरक्षा बलों से मिली जानकारी के मुताबिक एक अन्य गांव में मुठभेड़ में दो अन्य आतंकवादी भी मारे गए हैं। जिनकी पहचान नहीं की जा सकी है। अधिकारियों के मुताबिक नाइकू के साथ ही उसका साथी भी मारा गया है। वह भागने की कोशिश कर रहा था। नाइकू सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन बार भाग चुका था, लिहाजा इस बार सुरक्षा बलों ने पूरी रणनीति के साथ इस एनकाउंटर को अंजाम दिया। सेना की इकाइयों ने जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूहों के साथ इस कार्यवाही की अंजाम दिया। वहीं तीन मई को हंदवाड़ा में दो सैन्य अधिकारी कर्नल आशुतोष शर्मा ओर मेजर अनुज सूद सहित आठ सुरक्षा कर्मी आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे।

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