आज जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक खत्म हो गयी है और इस बैठक में आज कई अहम फैसले लिए गए। जिसकी पहले उम्मीद की जा रही थी वही फैसले आज काउंसिल ने किए। बैठक में रियल एस्टेट पर लगने वाले जीएसटी रेट घटाने पर सहमति बन गई है।
आज जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक खत्म हो गयी है और इस बैठक में आज कई अहम फैसले लिए गए। जिसकी पहले उम्मीद की जा रही थी वही फैसले आज काउंसिल ने किए। बैठक में रियल एस्टेट पर लगने वाले जीएसटी रेट घटाने पर सहमति बन गई है। अब सस्ते घरों पर जीएसटी दर बिना टैक्स इनपुट क्रेडिट के 8 फीसदी की जगह 1 फीसदी हो गई है. वहीं, नॉन अफोर्डेबल घरों के लिए बिना टैक्स इनपुट क्रेडिट के जीएसटी दर 22 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी पर आ गई है।
इसके अलावा मंत्रियों का समूह फिर से लॉटरी पर एक समान जीएसटी दरें को तय करेगा। हालांकि इस पर अगली बैठक में फैसला किया जाएगा। क्योंकि केरल और पंजाब के वित्तमंत्री आज की बैठक में मौजूद नहीं थे। जिसके कारण इस पर फैसला नहीं हो सका है। मौजूदा समय में राज्यों की लॉटरी पर 12% और राज्य की मंजूरी से चलने वाली लॉटरी पर 28% जीएसटी है। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जीएसटी काउंसिल की आज अहम बैठक हो रही थी। ऐसा माना जा रहा था कि आज की बैठक में रियल स्टेट में लागू जीएसटी को लेकर बड़ा फैसला आ सकता है। जीएसटी कम होने से सीधा फायदा घर खरीदने वाले ग्राहकों को मिलेगा।
पहले ये माना जा रहा था कि आज एक बार फिर जीएसटी काउंसिल की बैठक में अंडरकंस्ट्रक्शन घरों की टैक्स दर कम करने पर फैसला होगा। साथ काउंसिल 30 वर्गमीटर में बने किफायती घरों पर जीएसटी घटाने पर फैसला करेगा। इसके लिए राज्यों के वित्तमंत्रियों की एक कमेटी बनाई गयी है और जिसकी रिपोर्ट काउंसिल को सौंप दी गयी है। इसके साथ ही सीमेंट के दाम में कमी पर भी काउंसिल फैसला कर सकती है। क्योंकी सीमेंट उद्योग की तरफ से अरसे से जीएसटी कम करने की मांग की जा रही है।
इसके लिए उद्योग के तर्क हैं कि घर बनाने में सीमेंट का इस्तेमाल किया जाता है और अगर सरकार जीएसटी की दर इसमें कम करती है तो इसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा। इसके साथ ही लॉटरी पर लगने वाली दरों के भी एक समान होने की उम्मीद की जा रही है। पिछली बार की बैठक में कुछ राज्यों ने वीडियोकांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक किए जाने पर आपत्ति जताई थी। लेकिन आज सभी राय पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की अध्यक्षता करेंगे। जानकारी के मुताबिक मेट्रो शहरों में 45 लाख रुपये तक के घरों को किफायती आवास वर्ग में जाया जा सकता है जबकि अभी तक इसे 30 लाख रुपए के वर्ग में रखा गया है।
वहीं नॉन मेट्रो में 30 लाख रुपये तक के घर को इसे वर्ग में रखा जा सकता है, जबकि मौजूदा समय में यह 25 लाख के वर्ग में है। राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह ने निर्माणाधीन घरों पर पांच फीसदी जीएसटी करने की सिफारिश की है जबकि वर्तमान में ये दर 12 फीसदी है। जबकि काउंसिल को सौंपी गई रिपोर्ट में मंत्रियों के समूह ने सस्ते घरों पर तीन फीसदी जीएसटी लगाने की सिफरिश की है। उधर पिछली बैठक में रीयल एस्टेट और लॉटरी पर जीएसटी दर में बदलाव के निर्णय को आज के लिए टाल दिया गया था।