सचिन पायलट की हो गई है कांग्रेस से डील! गहलोत ने जताया अब नहीं जरूरत

By Team MyNationFirst Published Jul 13, 2020, 4:01 PM IST
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस में अब सचिन पायलट को मनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। क्योंकि पार्टी को लग रहा है कि राजस्थान अब हाथ से जा सकता है। हालांकि सीएम अशोक गहलोत दावा कर रहे हैं उनके पास 100 से ज्यादा विधायकों का समर्थन प्राप्त है। 

नई दिल्ली। कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट को मनाने का सिलसिला जारी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने सचिन पायलट से बात की है। वहीं कांग्रेस के रणनीतिकार अहमद पटेल और महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी सचिन पायलट से बातचीत कर इस मामले को सुलझाने को कहा है। हालांकि कांग्रेस अपने कुनबे को एकजुट रखना चाहती है। वहीं ये कहा जा रहा है सचिन पायलट ने कांग्रेस के सामने शर्त रखी है। जिसके मुताबिक उनके समर्थक चार विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा। वहीं वह प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे साथ ही उन्हें वित्त विभाग दिया जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस में अब सचिन पायलट को मनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। क्योंकि पार्टी को लग रहा है कि राजस्थान अब हाथ से जा सकता है। हालांकि सीएम अशोक गहलोत दावा कर रहे हैं उनके पास 100 से ज्यादा विधायकों का समर्थन प्राप्त है। लेकिन सचिन का दावा है कि उनके पास 25 विधायक हैं। लिहाजा राज्य में कभी भी सरकार अल्पमत में आ सकती है। लेकिन इसी बीच कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट को मनाने के लिए प्रबंधकों के जरिए मनाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं।

 कहा जा रहा है कि अभी तक सचिन पायलट से कांग्रेस के पांच बड़े नेता बात कर चुके हैं और उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल और पी. चिदंबरम पायलट से बातचीत कर कर चुके हैं। लेकिन पायलट से कहा जा रहा कि वह जयपुर जाएं वहीं  स्थानीय लेवल पर उनकी समस्याओं को निपटाया जाएगा।

फिलहाल कहा जा रहा है कि सचिन पायलट ने कांग्रेस के सामने अपनी भी शर्त रखी हैं। इसके मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष का पद अपने पास रहेगा और उन्हें वित्त-गृह मंत्रालय भी दिया जाए। इसके साथ ही उनके चार करीबी विधायकों को कैबिनेट विस्तार में जगह दी जाए। वहीं राज्य के सीएम दावा कर रहे हैं उनके पास 109 विधायक का समर्थन है। लिहाजा इसके जरिए गहलोत आलाकमान को संदेश देना चाहते हैं कि फिलहाल सरकार को किसी भी तरह का खतरा नहीं है।
 

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