सपनों को त्यागकर बिटिया को पढ़ाया, बनी पीसीएस अफसर और अब आईएएस का लक्ष्य

असल में बाराबंकी की ढकौली स्थित सूत मिल में काम करने वाले ज्ञान प्रकाश मिश्रा को जब इस बात पता चला कि मिल बंद होने वाली है तो उन्होंने हार मान ली थी। लेकिन उनकी पत्नी सुनीता मिश्रा ने अपनी बेटी नेहा को पढ़ाने का संकल्प लिया।

Having abandoned dreams, taught daughter, became PCS officer and now the target of IAS

लखनऊ। कहते हैं जहां चाह है वहां राह है। कुछ ऐसा ही बाराबंकी की रहने वाली की कहानी है। उन्होंने कड़ी मेहनत कर अपनी बिटिया को पढ़ाया और आखिरकार बिटिया ने अपने माता पिता की सपनों को पूरा किया  और पीसीएस में सफलता हासिल की।  वहीं अब बिटिया आईएएस की पढ़ाई में जुटी है।

असल में बाराबंकी की ढकौली स्थित सूत मिल में काम करने वाले ज्ञान प्रकाश मिश्रा को जब इस बात पता चला कि मिल बंद होने वाली है तो उन्होंने हार मान ली थी। लेकिन उनकी पत्नी सुनीता मिश्रा ने अपनी बेटी नेहा को पढ़ाने का संकल्प लिया। घर के हालत अच्छे नहीं थे, उसके बावजूद उन्होंने पूरी लगन के साथ बिटिया को पढ़ाया और आखिरकार बिटिया ने घर वालों का मान रखते हुए वर्ष 2018 में पीसीएस को क्लाविफाइ किया। अब नेहा का लक्ष्य आइएएस सेवा में जाना है। सुनीता मिश्रा ने खुद के सपनों को मारकर बच्चों का भविष्य बनाया और घर बनाने का सपना भी त्याग दिया। मिश्रा परिवार ने हालातों से डरने के बजाय सबक लिया और बिटिया को पढ़ाने का खारित कई परेशानियों का सामना किया और नेहा को पीसीएस बनाकर कुछ ऐसी मिसाल ढकौली स्थित सूत मिल आफीसर्स कॉलोनी निवासी सुनीता मिश्रा ने पेश की है।

ज्ञान प्रकाश मिश्र की प्रतिमाह की आमदानी 25 से 35 हजार रुपये है। लेकिन मिल बंद होने के बाद परिवार आर्थिक संकट से जूझने लगा। वहीं नेहा की मां इंटरमीडिएट तक पढ़ीं थी लेकिन उन्हें अहसास हुआ कि अगर वह पढ़ी लिखी होती तो वह पति की मददगार बन पातीं। मिश्रा दंपत्ति ने बच्चों की पढ़ाई को जारी रखने का संकल्प लिया और अपनी इच्छाओं और सपनों तक को मार दिया। इसके बाद नेहा ने साल 2017 में पीसीएस में नायब तहसीलदार की परीक्षा को पास किया। इसके बाद साल 2018 में भी नेहा का चयन पीसीएस में हुआ है। अब नेहा का लक्ष्य आइएएस में जाने है और वहीं नेहा के भाई बहन पढ़ाई को जारी रखे हैं। वहीं अब नेहा की छोटी बेटी मुस्कान बीए की पढ़ाई, बड़ा बेटा प्रतीक बीटेक और छोटा बेटा प्रतीक इंटर के बाद स्नातक कर रहा है। नेहा मिश्रा के माता पिता मूल रूप से कुशीनगर जनपद के मिश्रौली गांव के रहने वाले हैं। 

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