फ्लोर टेस्ट को लेकर कुमारस्वामी और राज्यपाल में ठनी, फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा कर्नाटक का 'नाटक'

By Team MyNationFirst Published Jul 19, 2019, 5:33 PM IST
Highlights

फिलहाल राज्यपाल वजुभाई वाला ने राज्य की कुमारस्वामी सरकार को शाम छह बजे तक सदन में बहुमत साबित करने को कहा है। हालांकि कल रात में भी राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आज दोपहर 1.30 बजे तक बहुमत साबित करने को कहा था। लेकिन कुमारस्वामी ने राज्यपाल के किसी भी आदेश को तरजीह नहीं दी। 

कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन वाली एचडी कुमारस्वामी की गठबंधन पर संवैधानिक खतरा मंडराने लगा है। राज्यपाल दो बार मुख्यमंत्री को सदन में बहुमत साबित करने को कह चुके हैं। लेकिन अभी तक कुमारस्वामी ने राज्यपाल के निर्देशों को कोई तवज्जो नहीं दी है। हालांकि इस बीच कांग्रेस ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वहीं राज्यपाल भी अब कानूनी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं।

फिलहाल राज्यपाल वजुभाई वाला ने राज्य की कुमारस्वामी सरकार को शाम छह बजे तक सदन में बहुमत साबित करने को कहा है। हालांकि कल रात में भी राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आज दोपहर 1.30 बजे तक बहुमत साबित करने को कहा था।

लेकिन कुमारस्वामी ने राज्यपाल के किसी भी आदेश को तरजीह नहीं दी। राज्यपाल कल विधानसभा अध्यक्ष को भीव सदन में बहुमत कराने के आदेश दे चुके हैं। जबकि राज्यपाल रमेश कुमार का कहना है कि वह विधानसभा अध्यक्ष को आदेश नहीं दे सकते हैं महज सलाह दे सकते हैं।

फिलहाल कुमारस्वामी और विधानसभा अध्यक्ष राज्यपाल से खुलेतौर पर टकराव के मूड में हैं। लिहाजा इसलिए उनके निर्देशों को दरकिनार कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि इससे राज्य में संवैधानिक संकट खड़ा हो जाएगा। क्योंकि अब राज्यपाल भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

हालांकि नियमों के मुताबिक राज्यपाल सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश नहीं दे सकता है। इसी की आड़ में कुमारस्वामी सरकार और विधानसभा अध्यक्ष राज्यपाल के आदेशों को नहीं मान रहे हैं। लेकिन राज्यपाल सुप्रीम कोर्ट में ये कह सकते हैं कि सरकार अपना बहुमत खो चुकी है।

लिहाजा इसके लिए राज्यपाल सदन में बहुमत परीक्षण के लिए कह सकते हैं। क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष बहुमत परीक्षण नहीं करा रहे हैं। फिलहाल इसी बीच कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में फिर याचिका दायर कर दी है। कांग्रेस का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पार्टी का अपने विधायकों को व्हिप जारी करने का अधिकार खतरे में आ गया है।

click me!