चिन्मयानंद को 23 वर्षीय महिला के साथ यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल के आरोप में पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल चिन्मयानंद को बेल मिलने के बाद राहत मिली है। हालांकि वह अपने ऊपर लगे आरोपों को नकार रहे थे और उन्होंने इसके लिए कोर्ट में कई तरह की दलीलें भी दी। पिछले साल की सियासत में इस मामले ने तूल पकड़ा था।
लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज एक कानून की छात्रा के साथ कथित तौर बलात्कार के मामले में गिरफ्तार भाजपा के पूर्व नेता स्वामी चिन्मयानंद को जमानत दे दी। चिन्मयानंद को 23 वर्षीय महिला के साथ यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल के आरोप में पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया गया था। वहीं चिन्मयानंद को भाजपा ने भी पार्टी से निकाल दिया था।
फिलहाल चिन्मयानंद को बेल मिलने के बाद राहत मिली है। हालांकि वह अपने ऊपर लगे आरोपों को नकार रहे थे और उन्होंने इसके लिए कोर्ट में कई तरह की दलीलें भी दी। पिछले साल की सियासत में इस मामले ने तूल पकड़ा था। कई महिला संगठनों ने चिन्मयानंद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किए थे। वहीं इस मामले में आरोप लगाने वाली छात्रा को भी कोर्ट ने जमानत दे दी है। क्योंकि चिन्मयानंद की तऱफ से छात्रा और उसके साथियों पर ब्लैकमेल के आरोप लगे थे। आरोप लगाने वाली छात्रा उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में चिन्मयानंद के एसएस लॉ कॉलेज की छात्रा थी।
चिन्मयानंद पर धारा 376 सी , 354 डी , 342 और 506 तहत एसआईटी ने रिपोर्ट दर्ज की थी। इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विशेष जांच दल गठित करने का आदेश दिया था और जिसके बाद एसआईटी ने चिन्मयानंद को गिरफ्तार किया था। ये मामला तब सामने आया जब महिला ने पिछले साल 23 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था।
जिसमें आरोप लगाया गया कि “संत समुदाय के एक वरिष्ठ नेता” उसे परेशान कर रहे थे और उसे जान से मारने की धमकी दे रहे थे। कानून की छात्रा एक दिन बाद लापता हो गई, जिसके बाद उसके पिता ने चिन्मयानंद पर अपनी बेटी को परेशान करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा और बाद में भाजपा ने भी चिन्मयानंद को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।