प्रियंका गांधी ने राज्य में होने वाले पंचायत चुनावों के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र के लिए अपनी रजामंदी दे दी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कांग्रेस ने घोषणा पत्र तैयार किया है। जिसके जरिए वह पंचायत चुनावों में उतरेगी।
लखनऊ। कांग्रेस पार्टी राज्य में दो साल बाद होने विधानसभा चुनाव के लिए अभी से जुट गई है। प्रियंका गांधी राज्य में कांग्रेस को सत्ता दिलाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। लिहाजा अब प्रियंका गांधी ने राज्य में होने वाले पंचायत चुनावों के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र के लिए अपनी रजामंदी दे दी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कांग्रेस ने घोषणा पत्र तैयार किया है। जिसके जरिए वह पंचायत चुनावों में उतरेगी।
लल्लू ने कहा कि कांग्रेस जनता की आकांक्षाओं और समस्याओं को जानने के लिए गरीब लोगों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के साथ बातचीत करेगी। लिहाजा उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए पांच सदस्यीय घोषणापत्र समिति का गठन किया है। लल्लू ने कहा कि समिति आगामी विधानसभा चुनावों के लिए घोषणापत्र तैयार करेगी। इस समिति में मनीष मिश्रा, अतुल चतुर्वेदी, तनुज पुनिया, पंकज गुप्ता और मंजूर अली को शामिल किया गया है। हालांकि इस समिति में कांग्रेस के दिग्गजों के नाम शामिल नहीं है।
असल में प्रियंका गांधी युवाओं पर ज्यादा भरोसा कर रही है। इसलिए उन्होंने गठित की अपनी सलाहकार समिति में कांग्रेस के वरिष्ठ और दिग्गज नेताओं से दूरी बनाकर रख है। वहीं 10 से ज्यादा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इसकी शिकायत कांग्रेस अध्यक्ष से की थी और उन्होंने आरोप लगाता था कि पार्टी उनका सम्मान नहीं कर रही है। हालांकि इन नेताओं को ज्यादा राहत नहीं मिली। हालांकि बाद में इन नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा गया।
हालांकि प्रियंका की अगुवाई में उत्तर प्रदेश में लोकसभा का चुनाव लड़ा गया था और पार्टी इन चुनावों में कोई खास प्रदर्शन नहीं कर सकी थी। यही नहीं कांग्रेस अपने परंपरागत सीट अमेठी में भी चुनाव हार गई थी। वहीं राज्य में हुए उपचुनाव में कांग्रेस की कई सीटों पर जमानत भी जब्त हो गई थी। लेकिन प्रियंका गांधी को उम्मीद है कि राज्य की जनता विधानसभा चुनाव में उन्हें जीत के करीबी पहुंचाएगी।
जिसके कारण वह राज्य में सक्रिय हैं। प्रिंयका की राज्य में सक्रियता को लेकर सपा और बसपा कांग्रेस और प्रियंका पर ज्यादा आक्रामक हो रहे हैं। क्योंकि इन दोनों दलों को लग रहा है कि प्रियंका और कांग्रेस के मजबूत होने से मुस्लिम वोट बैंक उसकी तरफ जा सकता है।