सुरक्षा बलों के साथ मारे गए आतंकवादी की पहचान पुलवामा के ताहिर अहमद भट के रूप में की गई है। वह पिछले तीन वर्षों से इस इलाके में काम कर रहा था और उसने कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया था और वह आईईडी निर्माण में निपुण था। पुलवामा हमले के बाद ताहिर ने अपने साथियों के साथ मिलकर बनिहाल के पास सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाने की एक और कोशिश की थी।
श्रीनगर। सुरक्षा बलों को जम्मू कश्मीर में एक और बड़ी सफलता मिली है। आतंकी कमांडर रेयाज नाइकू को मौत के घाट उतारने के बाद सुरक्षा बलों ने एक और आतंकी को मार गिराया है। आतंकी ताहिर अहमद भट को सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में मार गिराया है। उसमें तात्कालिक विस्फोटक उपकरण (आईआरडी) का एक्सपर्ट माना जाता था। उसके मारे जाने से हिजबुल को घाटी में एक बड़ा झटका लगा है।
सुरक्षा बलों के साथ मारे गए आतंकवादी की पहचान पुलवामा के ताहिर अहमद भट के रूप में की गई है। वह पिछले तीन वर्षों से इस इलाके में काम कर रहा था और उसने कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया था और वह आईईडी निर्माण में निपुण था। पुलवामा हमले के बाद ताहिर ने अपने साथियों के साथ मिलकर बनिहाल के पास सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाने की एक और कोशिश की थी। हालांकि वह अपने इस मिशन में सफल नहीं हो सका था।
असल में सुरक्षा बलों को जानकारी मिली थी कि डोडा जिले के खोत्र गांव में आतंकी छिपे हुए हैं और सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया और दो तरफ से मुठभेड़ के बाद भट सुरक्षा बलों की गोली से मारा गया। जानकारी के मुताबिक भट हिजबुल कमांडर हारून अब्बास का करीबी सहयोगी था, जिसे इस साल की शुरुआत में सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। जम्मू के आईजी मुकेश सिंह ने कहा, भट का नाम नाम किश्तवाड़ में आरएसएस नेता चंदकांत शर्मा और उनके पीएसओ की हत्या में भी शामिल था। सुरक्षा बलों को मुठभेड़ स्थल से एक एके राइफल और बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद मिला है। आईजी जम्मू ने कहा, देर रात सुरक्षा बलों को खोतला गांव में हिजबुल आतंकवादी की मौजूदगी के बारे में विशेष जानकारी मिली थी और इसके बाद पूरे इलाके को घेर लिया गया।
सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को भागने से रोकने के लिए रात भर में ठीक से घेराबंदी करने का फैसला किया। इसके बाद सुबह होते ही आतंकवादी को ढेर कर दिया गया था। इस मुठभेड़ में एक बहादुर सैनिक भी शहीद हुआ है। ताहिर की मौत को सुरक्षा बलों के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। आईजी जम्मू ने दावा किया कि उसकी हत्या के साथ अब डोडा आतंक मुक्त हो गया है। आईजी के मुताबिक ताहिर को अधिक स्थानीय लोगों की हिजबुल में भर्ती करने और डोडा में आतंकवादी गतिविधियों को पुनर्जीवित करने का काम सौंपा गया था।