महाराष्ट्र से कांग्रेस पार्टी के सांसद हुसैन दलवई ने विवादित बयान दिया है। तीन तलाक के संदर्भ में बोलते हुए हुसैन दलवई ने कहा कि महिलाओं के साथ गलत व्यवहार सिर्फ इस्लाम में ही नहीं होता बल्कि ऐसा हर धर्म में होता है, यहां तक कि राम ने सीता को सिर्फ शक के आधार पर छोड़ दिया।
कांग्रेसी सांसद ने ये सियासी ड्रामा मोदी सरकार की तरफ से राज्यसभा में तीन तलाक का संशोधित बिल पेश करने के दौरान ही दिया। दलवई ने महिलाओं के साथ अत्याचार की दुहाई देते हुए कहा कि ऐसा सिर्फ इस्लाम में नहीं होता, ये हिंदू, सिख, ईसाई सभी धर्मों में है।
Women treated unfairly in all communities, not just Muslims, even Hindus, Christians, Sikhs etc. In every society, there is male domination. Even Shree Ram Chandra ji once left Sita ji after doubting her. So we need to change as a whole: Hussain Dalwai, Congress pic.twitter.com/dpuh0c3Jyu
— ANI (@ANI)
दलवई ने तर्क दिया कि हर समाज में पुरुष की प्रधानता को माना जाता है, यहां तक कि खुद भगवान रामचंद्र जी ने एक बार सीता जी को शक की वजह से छोड़ दिया था, लिहाजा हमे इस पूरे बिल को बदलने की जरूरत है।
बयान पर जैसे ही विवाद खड़ा हुआ, दलवई सफाई देने की मुद्रा में आ गए। दलवई ने सफाई देते हुए कहा कि वह खुद माता सीता के भक्त हैं, लेकिन जो उन्होंने कहा वह हिंदू धर्म में महिलाओं के साथ हो रहे व्यवहार को बताने के लिए कहा था। दलवई ने ये भी कहा कि प्राचीन काल में किस तरह से महिलाओं ने मुश्किल समय झेला है, मैं उस बारे में बता रहा था।
दलवई ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार मुसलमान महिलाओं की भलाई नहीं चाहती। सरकार लोगो की आंखों में धूल झोंक रही है। सरकार भले ही दावा कर रही है कि वो मुस्लिम महिलाओं की सशक्तिकरण चाहती है पर ये सब दिखावा है। इस कांग्रेस नेता ने तर्क दिया कि पूरे बिल में फिर से बदलाव की जरूरत है।
दलवई ने पिछले साल गृहमंत्री को पत्र लिखकर ये कहा था कि तीन तलाक को अपराध बनाना तमाम दिक्कतें खड़ी कर सकता है।