उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले की डीएम रही दिव्या मित्तल को बीते दिनों बस्ती का डीएम बनाया गया था। तबादले का आदेश जारी होने के बाद बाकायदे गुलाबों के फूल बरसाकर उनका स्वागत भी किया गया था। उनकी विदाई के समय गुलाबों के फूलों से सरोबार होने वाली वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुई थी।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले की डीएम रही दिव्या मित्तल को बीते दिनों बस्ती का डीएम बनाया गया था। तबादले का आदेश जारी होने के बाद बाकायदे गुलाबों के फूल बरसाकर उनका स्वागत भी किया गया था। उनकी विदाई के समय गुलाबों के फूलों से सरोबार होने वाली वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुई थी। अब, खबर आई है कि उनका ट्रांसफर आदेश संशोधित कर वेटिंग में डाल दिया गया है।
आईएएस दिव्या मित्तल की जगह आंद्रा वामसी बस्ती के नये डीएम
दिव्या मित्तल की जगह कौशल विकास मिशन के निदेशक आंद्रा वामसी को बस्ती के डीएम की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, गोरखपुर के डीएम कृष्णा करूणेश को जीडीए यानी गोरखपुर विकास प्राधिकरण के वीसी का एडिशनल चार्ज भी दिया गया है। महेंद्र सिंह तंवर को संतकबीरनगर जिले का डीएम बनाए जाने के बाद वीसी की कुर्सी रिक्त थी।
दिव्या मित्तल की चर्चा में रही विदाई
दरअसल, मिर्जापुर की डीएम रही दिव्या मित्तल को जब बस्ती का डीएम बनाए जाने का आदेश जारी हुआ तो उनकी विदाई काफी चर्चा में रही। गुलाब की पंखुड़ियों से सरोबार कर दिव्या मित्तल को विदाई दी गई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ। स्थानीय लोगों का कहना है कि आईएएस दिव्या मित्तल ने मिर्जापुर के लोगों के दिल में ऐसी जगह बना ली थी कि फूल बरसाकर उनकी विदाई की गई।
विदाई समारोह में बरसाई गई थीं फूलों की पंखुड़ियां
एक तरफ स्थानीय लोग उनके तबादले से सरप्राइज थे, पर दूसरे जिले की डीएम बनाए जाने की खुशी भी थी। अब वहीं दिव्या मित्तल को वेटिंग में डाले जाने की खबर के बाद कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि दिव्या मित्तल के ट्रांसफर की खबर के बाद तमाम संगठनों ने पक्के घाट पर विदाई समारोह आयोजित किया था। उसी समारोह में उन पर गुलाब के पंखुड़ियों की वर्षा की गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि जन चौपाल में जनता से सीधे जुड़ने के काम की लोग सराहना करने लगें।
लगातार दो बार क्रैक की यूपीएससी
हरियाणा के रेवाड़ी की रहने वाली दिव्या मित्तल साल 2013 में आईएएस बनी थीं। दिल्ली में जन्म हुआ और शुरुआती शिक्षा हुई। साल 2005 में आईआईटी दिल्ली से बीटेक किया और एमबीए की भी पढ़ाई की। एक साल एक निजी कम्पनी में नौकरी करने के बाद देश वापस आईं और यूपीएससी क्रैक किया। पहली बार उन्हें आईपीएस कैडर मिला था। पर दूसरी बार वह आईएएस बनीं।