केन्द्र सरकार ने मोबाइल चोरी और लूट की घटनाओं को रोकने के लिए एक पोर्टल की शुरूआत की है। जैसे ही किसी का मोबाइल चोरी होगा या लूट लिया जाएगा तो इस पोर्टल पर शिकायत करने के बाद उसे ब्लॉक कर दिया जाएगा। इसके बाद इस मोबाइल में किसी भी मोबाइल कंपनी का टॉवर काम नहीं करेगा। जिसके बाद ये मोबाइल बेकार हो जाएगा।
नई दिल्ली। अगर आपका मोबाइल चोरी हो गया है या फिर इसे लूट लिया गया है तो पुलिस में शिकायत दर्ज करने के साथ ही इस पोर्टल पर भी मोबाइल चोरी की शिकायत करें। क्योंकि इस पोर्टल पर शिकायत करने के बाद चोरों के लिए आपका मोबाइल बेकार हो जाएगा। जिसके बाद वह इसे कहीं बेच नहीं सकेगा। क्योंकि सरकार इस मोबाइल के नेटवर्क को ब्लॉक कर देगी और इसके बाद उस मोबाइल पर कोई नेटवर्क काम नहीं करेगा। फिलहाल केन्द्र सरकार ने इस महाराष्ट्र में शुरू किया है और इसके वहां पर सफल होने के बाद पूरे देश में लागू किया जाएगा।
केन्द्र सरकार ने मोबाइल चोरी और लूट की घटनाओं को रोकने के लिए एक पोर्टल की शुरूआत की है। जैसे ही किसी का मोबाइल चोरी होगा या लूट लिया जाएगा तो इस पोर्टल पर शिकायत करने के बाद उसे ब्लॉक कर दिया जाएगा। इसके बाद इस मोबाइल में किसी भी मोबाइल कंपनी का टॉवर काम नहीं करेगा। जिसके बाद ये मोबाइल बेकार हो जाएगा।
केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फोन की चोरी की रिपोर्ट के लिए सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर की वेबसाइट को लॉन्च किया। फिलहाल इस प्रोजेक्ट को महाराष्ट्र में शुरू किया गया है और इसके बाद पूरे देश में लागू किया जाएगा। इसके लिए केन्द्र सरकार ने 2017 से काम करना शुरू कर दिया था।
जानकारी के मुताबिक मोबाइल के चोरी होने या फिर लूट होने पर एफआईआर दर्ज कराने के बाद हेल्पलाइन नंबर 14422 में सूचित करना होगा। इसके बाद पोर्टल आईएमईआई नंबर को ब्लैकलिस्ट कर देगा। जिसके बाद मोबाइल पर किसी भी दूरसंचार कंपनी का नेटवर्क काम नहीं करेगा।
केन्द्र सरकार का दूरसंचार विभाग 2017 से सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर यानी सीईआईआर पर काम कर रहा है। जो आईएमईआईएस पर के डेटा के जरिए मोबाइल ब्लाक करेगा। आईएमईआईएस 15 अंकों का होता है इसके जरिए मोबाइल की पहचान होती है और वर्तमान में देश में 1 अरब से ज्यादा वायरलेस उपभोक्ता हैं। इस व्यवस्था को फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर महाराष्ट्र में शुरू किया गया है।