ट्रंप के खिलाफ चलेगा महाभियोग, जानें क्या पड़ेगा भारत पर असर

By Team MyNationFirst Published Jan 16, 2020, 8:39 AM IST
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ट्रंप पर चलाए जाने वाले महाअभियोग का भारत पर भी असर हो सकता है। क्योंकि ट्रंप के अगले महीने तक भारत आने की चर्चा है और अगर उन पर महाअभियोग इस दौरान चलाया जाता तो उनकी भारत यात्रा खतरे में पड़ सकती है। इस यात्रा के दौरान ट्रंप कई करारों में हस्ताक्षर कर सकते हैं।

नई दिल्ली। अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अब महाअभियोग चलाने का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट में महाभियोग चलाने के लिए इसके पक्ष में 228 सासंदों ने वोट किया जबकि विपक्ष में 193 सांसदों ने वोट दिया। जिसके बाद अब ट्रंप पर महाअभियोग चलाया जा सकेगा। ट्रंप पर चलाए जाने वाले महाअभियोग का भारत पर भी असर हो सकता है। क्योंकि ट्रंप के अगले महीने तक भारत आने की चर्चा है और अगर उन पर महाअभियोग इस दौरान चलाया जाता तो उनकी भारत यात्रा खतरे में पड़ सकती है। इस यात्रा के दौरान ट्रंप कई करारों में हस्ताक्षर कर सकते हैं।

ट्रंप के खिलाफ संसद के निचले सदन में चल रही महाभियोग की इस कार्यवाही में हुई वोटिंग में 228 सांसदों ने इसके पक्ष में डाला वोट जबकि ट्रंप अपने पक्ष में 193 मत ही जुटा पाए। जिसके बाद अब ऊपरी सदन में ट्रंप के खिलाफ महाअभियोग चलाया जा सकेगा। निचले सदन से ऊपरी सदन में भेजने के लिए बुधवार को इसके लिए वोटिंग हुई थी। अमेरिका के निचले सदन में डेमोक्रेट्स का दबदबा है।

गौरतलब है कि अमेरिकी सांसद सत्ता के दुरुपयोग और संसद के काम में रूकावट डालने के लिए ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चला रहे हैं और इसी के तहत वोटिंग की गई ताकि ऊपरी सदन में उनके खिलाफ महाअभियोग चलाया जा सके। महाअभियोग के बाद आने वाले फैसले के बाद ट्रंप को उनके पद से हटाया जा सकता है। हालांकि इसकी संभावना कम ही है। फिलहाल संसद ने ट्रंप पर महाभियोग चलाने के लिए अभियोजन पक्ष की ओर से सात सांसदों को भी नियुक्त किया है। इन सांसद को सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने नामित किया है।

फिलहाल अमेरिकी संसद के नियमों के मुताबिक महाभियोग की कार्यवाही उच्च सदन सीनेट में चलेगी। जहां पर ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के पास 100 सदस्यों के साथ बहुमत है। माना जा रहा है कि ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही के 21 जनवरी से शुरू हो सकती है। चर्चा ये भी है कि ट्रंप इस महाअभियोग से बच निकल  सकते हैं क्योंकि ऊपरी सदन में उनके पास पूर्ण बहुमत है। 
 

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