पिछले दस सालों में पाकिस्तान विदेशी एजेंसियों से 30 हजार करोड़ डॉलर विदेशी कर्ज ले चुका है और जबकि दस साल पहले यही कर्ज 6 हजार डॉलर था। इमरान खान की पाकिस्तान में सरकार बनने के बाद पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब देश के पीएम का दफ्तर ही बिजली का बिल नहीं चुका पा रहा तो देश की माली हालत कैसी होगी।
नई दिल्ली। पाकिस्तानी की कंगाली का इससे बड़ा क्या सबूत हो सकता है। जब देश के प्रधानमंत्री इमरान खान के दफ्तर के पास बिजली का बिल चुकाने के पैसे ही न हो तो देश के हालात को बेहतर समझा जा सकता है। बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी का साफ कहना है कि पीएम कार्यालय से बिजली का बिल भुगतान करने में हमेशा देरी होती है।
पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर है। पाकिस्तान पर उसके जीडीपी का 92 फीसदी हिस्सा विदेशी कर्ज का है। पिछले दस सालों में पाकिस्तान विदेशी एजेंसियों से 30 हजार करोड़ डॉलर विदेशी कर्ज ले चुका है और जबकि दस साल पहले यही कर्ज 6 हजार डॉलर था। इमरान खान की पाकिस्तान में सरकार बनने के बाद पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब देश के पीएम का दफ्तर ही बिजली का बिल नहीं चुका पा रहा तो देश की माली हालत कैसी होगी।
पाकिस्तानी सरकार के पास अपने प्रधानमंत्री के ऑफिस का बिजली बिल तक चुकाने के पैसे नहीं हैं। यूएई के अखबार खलीज टाइम्स के मुताबिक पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के ऑफिस का बिजली बिल बकाया होने की वजह से बिजली आपूर्ती रोक दी गई है। अखबार का दावा है कि इस्लामाबाद में बिजली की सप्लाई करने वाली कंपनी इस्लामाबाद इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी यानी इस्को ने इसके लिए पहले पीएम ऑफिस को नोटिस जारी किया है।
फिलहाल पाक पीएम के ऑफिस को बिजली के 41 लाख रुपये चुकाने हैं। जबकि पिछले महीने ये रकम 35 लाख रुपये थी। इस्को का कहना है कि पीएम ऑफिस की बिल भुगतान करने में लगातार समस्या आती है। उधर इमरान खान खुद भारत को परमाणु बम की धमकी दे चुके हैं जबकि इमरान खान के पास बिजली का बिल भुगतान करने की हैसियत नहीं है।