80 और 90 के दशक में जब इमरान खान पाकिस्तान की क्रिकेट टीम का हिस्सा थे, उस समय मुनमुन सेन को उनका अच्छा दोस्त माना जाता था। उनकी ‘करीबी मित्रता’ काफी चर्चा मे रही थी।
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी द्वारा बांग्लादेशी अभिनेताओं से प्रचार कराने का मसला अभी ठंडा ही हुआ था कि अब वहां इमरान खान की एंट्री हो गई है। लोकसभा चुनावों के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को चर्चा में खींच लाई हैं आसनसोल से टीएमसी की प्रत्याशी और पूर्व अभिनेत्री मुनमुन सेन। वह जहां राष्ट्रवाद और पाकिस्तान को मुद्दा बनाकर भाजपा द्वारा वोट बटोरने की कोशिश पर हताशा जता रही हैं, वहीं उन्हें पुराने ‘दोस्त’ इमरान खान की मदद लेने से भी गुरेज नहीं है। मुनमुन सेन ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ती है, तो वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से फिर से बात करेंगी।
सेन ने कहा, ‘इमरान मेरे दोस्त हैं, लेकिन इस समय राष्ट्रवाद को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ जिस तरह की विभाजनकरी राजनीति चल रही है, वह बहुत खतरनाक है।' यह पूछे जाने पर कि दोनों देशों के बीच दुश्मनी के माहौल को देखते हुए भी क्या वह फिर इमरान से बात करेंगी, सेन ने कहा, ‘क्यों नहीं? आखिरकार, वह मित्र हैं।’ 80 और 90 के दशक में जब खान पाकिस्तान की क्रिकेट टीम का हिस्सा थे, उस समय सेन को उनका अच्छा दोस्त समझा जाता था। उनकी ‘करीबी मित्रता’ काफी चर्चा मे रही थी।
यह पूछे जाने पर कि यदि केंद्र में आने वाली नई सरकार उनसे दूत की भूमिका निभाने को कहती हैं, तो क्या वह ऐसा करेंगी। सेन ने कहा, ‘नहीं, मैं स्वयं उनसे बात करने कभी नहीं जाऊंगी। कई अन्य योग्य नेता हैं। ममता बनर्जी योग्य नेता हैं और वह इमरान के साथ मेरी मित्रता का कभी गलत फायदा नहीं उठाएंगी। इमरान के कोलकाता में कई मित्र हैं, मेरे पति भी उनके दोस्त हैं। मैं उनकी अकेली दोस्त नहीं हूं।’
इमरान खान ने हाल ही में बयान दिया था कि अगर भाजपा आम चुनाव जीतती है तो भारत के साथ शांति वार्ता करना और कश्मीर मामले का समाधान निकालना आसान होगा। जब सेन से इस बयान के संबंध में टिप्पणी करने को कहा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करूंगी। यह पूरी तरह से राजनीतिक बयान है और वे हर रोज बयान बदल रहे हैं।’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कहा, ‘मुझे लगता है कि सांसद के तौर पर वह बहुत नियमित नहीं रहे। मैंने उन्हें अधिक नहीं देखा।’
मोदी ने विदेश में छवि चमकाई पर देश के मुद्दे भूले
सेन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने विदेश में हमारी छवि को बेहतर बनाया है लेकिन वह अपने देश के मुद्दों को भूल गए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नौकरियां कहां हैं? कई शिक्षित युवक देश में बेरोजगार हैं, रोजगार सृजन के वादे का क्या हुआ?’’
बांकुरा लोकसभा सीट से सांसद सेन ने आसनसोल में अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी बाबुल सुप्रियो के बारे में कहा, ‘वह बच्चे हैं। मुझे लगता है कि आसनसोल में मुकाबला मोदी और ममता बनर्जी के बीच है और मुझे अपनी जीत पर भरोसा है।’ (इनपुट पीटीआई)