असल में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान किसी भी हाल में हार नहीं चाहता है और हर बार कुछ न कुछ प्रोपगेंडा करता रहता है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्तान को किसी का समर्थन नहीं मिला है। लिहाजा वह विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों के जरिए भारत के खिलाफ साजिश कर रहा है। लेकिन इसमें भी पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ रहा है।
नई दिल्ली। लगता है पाकिस्तान ने तय कर लिया है कि वह नहीं सुधरेगा। लिहाजा अब बेशर्म हो चुके पाकिस्तानी नेताओं की दुनियाभर में तौहीन हो रही है। लेकिन उसके बावजूद नापाक सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दिनों लंदन में पाकिस्तान के रेलवे मंत्री को अमेरिका में जमकर पीटा गया और उन पर अंडे बरसाए गए। वहीं अब पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर के नेताओं को लंदन में रहने कश्मीरियों ने कश्मीर पर भड़काने के लिए जमकर पीटा और अंडों और जूतों की बरसात कर दी।
असल में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान किसी भी हाल में हार नहीं चाहता है और हर बार कुछ न कुछ प्रोपगेंडा करता रहता है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्तान को किसी का समर्थन नहीं मिला है। लिहाजा वह विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों के जरिए भारत के खिलाफ साजिश कर रहा है। लेकिन इसमें भी पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ रहा है।
लंदन में साजिश के तहत पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने अपने करीबियों को वहां पर भेजा था ताकि वह भारत के खिलाफ वहां पर माहौल बना सकें। इमरान खान के करीबी जुल्फी बुखारी कश्मीर मुद्दे लोगों को संबोधित करने के लिए पहुंचे और उनके साथ चार पाकिस्तानी नेता भी मौजूद थे।
इसमें पीओके के नेता प्रतिपक्ष चौधरी एम यासीन, प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर और स्पीकर शाह गुलाम कादिर थे। वह भारत के खिलाफ अभियान चलाने के लिए वहां पर पहुंचे थे। इन लोगों का मकसद ब्रिटिश पाकिस्तानी और खालिस्तान समर्थक सिखों के जरिए भारत के खिलाफ अन्य लोगों को भड़काना था।
इन लोगों ने वहां पर पार्लियामेंट स्कवायर से भारतीय उच्चायोग तक कश्मीर फ्रीडम मार्च निकाला। इसमें जम्मू कश्मीर नेशनल अवामी पार्टी, यूके और जम्मू कश्मीर नेशनल स्टूडेंट फेडरेशन ने भी हिस्सा लिया। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन में पाकिस्तान के नेताओं की मौजूदगी से नाखुशी दिखाई।
इसके बाद प्रदर्शनकारी करने वालों ने पाकिस्तान के इन नेताओं पर अंडे और जूते फेंके गए। उन्हे झंडे के डंडे से पीटा गया और उन्हें वहां से भगा दिया गया। प्रदर्शनकारी इस बात से नाराज थे कि इसके जरिए पाकिस्तान का एजेंडा चलाया जा रहा। लिहाजा ये तय हुआ कि अब से किसी राजनीतिक नारे या भाषण और पाकिस्तानी झंडे का प्रदर्शन में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।