इस साल के दिसंबर से भारत में भी ड्रोन का इस्तेमाल व्यावसायिक कामों के लिए शुरू हो जाएगा, सरकार ने इसके लिए कुछ शर्तें रखीं हैं
कई कंपनियां लम्बे समय से ड्रोन का इस्तेमाल करना चाहती थी, लेकिन सरकार की ओर से कोई निर्देश न आने कि वजह से वह ड्रोन का व्यावसायिक इस्तेमाल नहीं हो पा रहा था। लेकिन अब सरकार की तरफ से अनुमति आ चुकी है। अब इंतज़ार है तो बस इसकी गाइडलाइन आने का।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने नई ड्रोन पॉलिसी जारी की है। ड्रोन का इस्तेमाल अमेजन या फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां अपने ग्राहकों को सामान की डिलीवरी के लिए करेंगी।
हालांकि नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा ने आशंका जताते हुए कहा, "इस उड़ते हुए ड्रोन को कोई अवांछित वस्तु न समझ ले। हमने अभी पॉलिसी जारी की है और हम इसे बेहतर बनाने के प्रयास करते रहेंगे।" नई पॉलिसी के मुताबिक ड्रोन को अधिकतम 400 फीट की ऊंचाई तक ही उड़ाया जा सकता है।
केंद्र सरकार ने ड्रोन को कुल पांच कैटेगरी में बांटा है और सबसे छोटा ड्रोन नैनो कैटेगरी में आयेंगा। इस ड्रोन में 250ग्राम तक वजन ले जाया जा सकता है। फिलहाल इसकी वजन ढोने की सीमा इतनी ही रखी गई है लेकिन बाद में यह सीमा 150 किलोग्राम तक बढ़ाई जा सकती है।
पहली दो कैटेगरी (250 ग्राम और 2 किलो) वाले ड्रोन को छोड़कर सभी कैटेगरी के ड्रोन को सरकार के पास रजिस्टर कराना होगा फिर उनका यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (UIN) जारी होगा इसके बाद ही कंपनियां ड्रोन का इस्तेमाल कर पाएंगी। पहली दो कैटेगरी को छूट इसलिए दी गई है क्योंकि आमतौर पर उनका इस्तेमाल खेलने या मनोरंजन के लिए भी किया जाता है।
सिन्हा ने कहा, "हम इस समय ड्रोन को एक दायरे में उड़ाने की अनुमति दे रहे हैं। बाद में इसका दायरा बढ़ाया जा सकता है।"
ड्रोन का लाइसेंस लेने के भी कुछ नियम बनाए गए हैं. इसके लिए आपकी उम्र 18 साल होनी चाहिए, दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की हो और अंग्रेजी आनी चाहिए। केंद्र सरकार ने कुछ इलाके को 'नो फ्लाई जोन' घोषित किया है। इसमें अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास के एयरपोर्ट, विजय चौक, सचिवालय, सैन्य इलाके आदि शामिल हैं।
सिन्हा ने कहा कि फिलहाल लाइन ऑफ साइट वाले ड्रोन को मंजूरी दी गयी है, आने वाले वक्त में बियॉन्ड लाइन ऑफ साइट ड्रोन को मंजूरी मिल सकती है. नागरिक उड्डयन महानिदेशक बी एस भुल्लर ने कहा, "डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर ट्रैफिक का प्रबंधन नहीं किया जाता। इसके लिए हालांकि ड्रोन इस्तेमाल करने वालों को स्थानीय पुलिस से आसानी से और जल्द मंजूरी मिल सकती है।"