हालांकि इसके साथ ही केरल सरकार ने राज्य के मंत्रियों, विधायकों, विभिन्न बोर्ड के सदस्यों, स्थानीय निकाय संस्था के सदस्यों, विभिन्न आयोगों के सदस्यों का वेतन एक साल तक तीस फीसदी काटने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए फंड जुटाने के लिए जुटाने के लिए अगले पांच महीनों तक सरकारी कर्मचारियों का छह दिन का वेतन काटने का आदेश दिया है।
तिरुवनंतपुरम। केन्द्र सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों के जनवरी के महंगाई भत्ते में कटौती के बाद केरल सरकार ने भी राज्य कर्मचारियों के वेतन में कटौती का फैसला किया है। केरल सरकार ने अगले पांच महीने तक कर्मचारियों के वेतन में हर महीनें छह दिनों के वेतन में कटौती का फैसला किया है। इसके लिए राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं।
हालांकि इसके साथ ही केरल सरकार ने राज्य के मंत्रियों, विधायकों, विभिन्न बोर्ड के सदस्यों, स्थानीय निकाय संस्था के सदस्यों, विभिन्न आयोगों के सदस्यों का वेतन एक साल तक तीस फीसदी काटने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए फंड जुटाने के लिए जुटाने के लिए अगले पांच महीनों तक सरकारी कर्मचारियों का छह दिन का वेतन काटने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने साफ किया है कि राज्य सरकार उन कर्मचारियों का वेतन नहीं काटेगी जिनका वेतन 20 हजार से कम है।
वेतन कटौती 20 हजार से ज्यादा कमाने वाले कर्मचारियों की ही की जाएगी। इसके साथ ही राज्य सरकार ने केन्द्र और अन्य राज्यों की तर्ज पर मंत्रियों और विधायकों का वेतन तीस फीसदी काटने का फैसला किया है। राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक राज्य में मंत्रियों, विधायकों, विभिन्न बोर्ड के सदस्यों, स्थानीय निकाय संस्था के सदस्यों, विभिन्न आयोगों के सदस्यों के वेतन में एक साल तक 30 फीसदी की कटौती की जाएगी।
इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में अपने एक महीने के वेतन दान कर चुके हैं। कर्मचारियों के वेतन में कटौती का आदेश सभी राज्य सरकार के स्वामित्व वाले उद्यमों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, अर्ध-सरकारी संगठनों, विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों के लिए लागू होगा। सरकार का कहना है कि राज्य वित्तीय संकट से गुजर रहा था क्योंकि कर संग्रह राजस्व में भारी गिरावट आई है। राज्य सरकार का कहना है राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार होने के बाद राज्य सरकार कर्मचारियों के वेतन में कटौती का आदेश वापस लेगी।