बैठक से पहले इकबाल अंसारी ने दिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को झटका

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कई मुस्लिम नेता इसका विरोध कर रहे हैं। जबकि इस फैसले के आने से पहले सभी वर्गों ने कहा था कि जो भी फैसला आएगा। उसको स्वीकार किया जाएगा। लेकिन अब बोर्ड  इस मामले को लेकर दो हिस्सों में बंट गया है। एक वर्ग चाहता है कि इस मामले में फिर से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जा सके। 

Before the meeting, Iqbal Ansari gave a shock to the Muslim Personal Law Board

नई दिल्ली। राममंदिर और विवादित बाबरी मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला रामलला के पक्ष में दे दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मुस्लिम समाज के कुछ नेता और धर्मगुरु कर रहे हैं। लिहाजा अब इसके लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से अहम बैठक बुलाई है। लेकिन इस बैठक में इस मामले में अहम पक्षकार इकबाल अंसारी हिस्सा नहीं लेंगे।

Before the meeting, Iqbal Ansari gave a shock to the Muslim Personal Law Board

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कई मुस्लिम नेता इसका विरोध कर रहे हैं। जबकि इस फैसले के आने से पहले सभी वर्गों ने कहा था कि जो भी फैसला आएगा। उसको स्वीकार किया जाएगा। लेकिन अब बोर्ड  इस मामले को लेकर दो हिस्सों में बंट गया है। एक वर्ग चाहता है कि इस मामले में फिर से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जा सके। जबकि एक वर्ग इस फैसले का स्वागत कर रहा है। इस वर्ग का कहना है कि अब देश को आगे ले जाना है। वहीं कट्टरपंथी मुस्लिम समाज का कहना है कि उन्हें फिर से वही मस्जिद चाहिए। हालांकि कुछ दिन पहले ही बोर्ड ने साफ किया था कि वह पुर्नविचार याचिका दाखिल नहीं करेगा।

फिलहाल आज होने वाली बैठक में अयोध्या मामले के पक्षकार इकबाल अंसारी हिस्सा नहीं लेगे। इसे बोर्ड के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि अंसारी पहले ही कह चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उन्हें मंजूर है। अयोध्या मसले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अब कुछ मुस्लिम पक्षकार पुनर्विचार याचिका दायर करने पर सहमत हो गए हैं। उनके इस प्रस्ताव पर आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड रविवार अपनी वर्किंग कमेटी की बैठक में निर्णय लेगा। बैठक में बोर्ड के कन्वेयर जफरयाब जिलानी ने सभी मुस्लिम पक्षकारों को आमंत्रित किया था।

उन्होंने बताया कि रामजन्मभूमि मामले में आए उच्च्तम न्यायालय के फैसले पर इस बैठक में मुस्लिम पक्षकारों की राय ली जानी थी। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि पूरे देश में अमन और शांति बनी रहे। अब इस विवाद को आगे न बढ़ाते हुए खत्म कर दिए जाने की जरूरत है। मुस्लिम पक्षकार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने जो फैसला दिया है, उसे हर किसी को अब स्वीकार कर लेना चाहिए। किसी को भी अब ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे देश में अशांति हो। 

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