असल में अतंर्राष्ट्रीय कोर्ट में भारत से मात खाने के बाद पाकिस्तान की किरकिरी हुई है। कोर्ट के आदेश पर ही पाकिस्तान जाधव को कानूनी सहायता देने के लिए बाध्य हुआ है। पिछले दिनों कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय दूतावास के अधिकारियों की कुलभूषण जाधव से मुलाकात हुई थी। हालांकि इसके लिए भी पाकिस्तान काफी लंबे अरसे तक टालमटोल करता रहा।
नई दिल्ली। पाकिस्तान एक बार फिर भारत के दबाव में झुक गया है। पाकिस्तान अब अपने आर्मी एक्ट में बदलाव करेगा। और ये वो भारत के लिए करेगा। असल में माना जा रहा है कि अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में कुलभूषण जाधव में मुंह की खानी के बाद पाकिस्तान अब अपने आर्मी एक्ट में बदलाव कर सकती है। ताकि जाधव को कानूनी सहायता दी जा सके।
असल में अतंर्राष्ट्रीय कोर्ट में भारत से मात खाने के बाद पाकिस्तान की किरकिरी हुई है। कोर्ट के आदेश पर ही पाकिस्तान जाधव को कानूनी सहायता देने के लिए बाध्य हुआ है। पिछले दिनों कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय दूतावास के अधिकारियों की कुलभूषण जाधव से मुलाकात हुई थी। हालांकि इसके लिए भी पाकिस्तान काफी लंबे अरसे तक टालमटोल करता रहा। लिहाजा अब पाकिस्तान को अहसास हो रहा है कि अगर वह जाधव को कानूनी सहायता मुहैया नहीं कराता है तो भारत इसकी शिकायत कोर्ट से कर सकता है। जहां पर उसे फिर मात खानी पड़ेगी।
लिहाजा अब पाकिस्तान जाधव को कानूनी सहायता मुहैया कराने के लिए आर्मी एक्ट में बदलाव करने जा रही है। हालांकि अभी ये नहीं कहा जा सकता है कि पाकिस्तान कब तक ये बदलाव करेगा। लेकिन पाकिस्तान में इसको लेकर आम राय बनने लगी है। इस बदलाव के बाद जाधव पाकिस्तान की हाईकोर्ट में अपने मामले को उठा सकेंगे। गौरतलब है कि जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। पाकिस्तान सरकार का आरोप है कि जाधव रॉ के एजेंट और उन्होंने पाकिस्तान में कई जगह पर बम ब्लास्ट कराए हैं। पाकिस्तानी मीडिया से जो खबरें आ रही हैं। उसके मुताबिक पाकिस्तान की सरकार ने आर्मी एक्ट में बदलाव का ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया है।
असल में पाकिस्तान पर दबाव उस वक्त बना जब अंतरराष्ट्रीय न्याधिकरण के अध्यक्ष जस्टिस अब्दुलकावी ए.यूसुफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में साफ कहा कि पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच की अनुमति नहीं देकर पाकिस्तान वियना संधि की अवमानना कर रहा है। उन्होंने पूरे विश्व बिरादरी के सामने साफ कहा कि पाकिस्तान ने वियना संधि के आर्टिकल 36 के तहत अपने दायित्वों का उल्लंघन किया। जिसके बाद पाकिस्तान को लग रहा कि वह पहले से संयुक्त राष्ट्र में आतंकियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही न करने के मामले में घिरा हुआ है। अगर वह जाधव को कानूनी मदद मुहैया नहीं कराता है तो फिर उसे विश्व समुदाय के सामने बेइज्जत होना पड़ेगा।