भारत पड़ोसी देशों को देगा कोरोना वैक्सीन, लेकिन 'नापाक' का नाम नहीं शामिल

By Team MyNation  |  First Published Aug 31, 2020, 10:56 AM IST

भारत  ने अपने प्लान में पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यहां तक ​​कि लैटिन अमेरिका के देशों को शामिल किया है। भारत का मकसद कोरोना संकट में अपने मित्र रिश्तों को मदद करना है।  यही नहीं भारत वैक्सीन के जरिए राजनयिक संबंधों को मजबूत करेगा और दुनिया में वैक्सीन की फैक्ट्री के रूप में उभरेगा।

नई दिल्ली। भारत कोरोना वैक्सीन को विकसित करने में कड़ी मेहनत कर रहा है और माना जा रहा है कि जल्द ही भारत इसे विकसित कर लेगा। फिलहाल इसका ट्रायल चल रहा है। वहीं भारत ने वैक्सीन के लिए प्लान तैयार किया है। भारत ये वैक्सीन अपने पड़ोसी देशों को देगा। इस योजना के तहत भारत नि:शुल्क टीकों से लेकर गारंटीकृत आपूर्ति अपने पड़ोसी देशों को करेगा। लेकिन भारत ने पाकिस्तान को झटका देते हुए इसमें पड़ोसी आतंकी मुल्क पाकिस्तान को शामिल नहीं किया है।

भारत  ने अपने प्लान में पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यहां तक ​​कि लैटिन अमेरिका के देशों को शामिल किया है। भारत का मकसद कोरोना संकट में अपने मित्र रिश्तों को मदद करना है।  यही नहीं भारत वैक्सीन के जरिए राजनयिक संबंधों को मजबूत करेगा और दुनिया में वैक्सीन की फैक्ट्री के रूप में उभरेगा। वहीं देश में कंपनियां दो टीकों पर काम कर रही हैं और इनका ट्रायल चल रहा है। जानकारी के मुताबिक देश में बड़े पैमाने पर इन टीकों को विकसित किया जाएगा। इसमें पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को भी शामिल किया जा सकता है। जो दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है।

वहीं भारत सरकार पड़ोसी देशों को ये वैक्सीन मुहैया कराएगी, जहां भारतीय काम कर रहे हैं या अध्ययन कर रहे हैं । इसके लिए पांच मॉडल पर विचार किया जा रहा है और पांच मॉडलों के तहत नि: शुल्क वितरण किया जा सकता है। इसके सात ही भारत ने अपने सूची में बांग्लादेश, अफगानिस्तान जैसे आस-पास के पड़ोसी देशों को शामिल किया है। लेकिन इसमें पाकिस्तान को शामिल नहीं किया गया है और न ही इस पर विचार किया गया है।

हालांकि ये कहा जा रहा है कि पाकिस्तान चीनी टीकों पर निर्भर हो सकता है। हालांकि चीन टीकों को लेकर दुनिया में खौफ है। क्योंकि चीन की साजिश को लेकर दुनिया के देश जागरूक हो चुके हैं और वह चीनी टीकों को लेकर सजग हैं। माना जा रहा है कि चीन उन देशों को ये टीके बेचेगा जो चीन के कर्ज में पहले से ही फंसे हुए हैं। वहीं भारत ने दूसरा मॉडल तैयार किया है। जिसमें गरीब देशों को शामिल किया गया है।
 

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