फिरदौस के अलावा एक और बांग्लादेशी अभिनेता गाजी अब्दुन नूर को भी टीएमसी के लिए बंगाल में प्रचार करते देखा गया है।
केंद्र सरकार ने तृणमूल कांग्रेस के लिए प्रचार करने के आरोप में बांग्लादेश के अभिनेता फिरदौस अहमद को जारी कारोबारी वीजा रद्द कर दिया है। उन्हें तत्काल भारत छोड़ने का नोटिस दिया गया है।
MHA: After receiving report from Bureau of Immigration regarding visa violations committed by a Bangladesh National Mr Ferdous Ahmed(actor who campaigned for TMC), MHA has cancelled his business visa and issued him a leave India notice. He also has been blacklisted. pic.twitter.com/3lbqJEboEg
— ANI (@ANI)बांग्लादेशी अभिनेता फिरदौस ने बंगाली अभिनेत्री पायल सरकार और अभिनेता अंकुश के साथ टीएमसी के लिए प्रचार किया था। इसका वीडियो सामने आने के बाद बड़ा सियासी विवाद खड़ा हो गया है। फिरदौस ने रायगंज और हेमताबाद में टीएमसी के लिए रोडशो किया।
तृणमूल के सूत्रों ने भी माना है कि फिरदौस को पार्टी ने बंगाल में प्रचार के लिए संपर्क किया था। इसके बाद यह सवाल खड़ा हो गया कि क्या भारत में होने वाले चुनावों के दौरान किसी प्रत्याशी के समर्थन में दूसरे देश का नागरिक प्रचार कर सकता है। इसके अलावा यह भी महत्वपूर्ण है कि क्या ऐसा करके बांग्लादेशी फिल्म स्टार ने वीजा की शर्तों का उल्लंघन किया है।
भाजपा ने टीएमसी की इन कोशिशों पर आपत्ति जताते हुए मुस्लिम वोट हासिल करने के कवायद बताया था। इस मामले को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करते हुए भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया, 'लगता है ममता को बांग्लादेश से कुछ ज्यादा ही प्यार है। बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए उनका प्यार सगी मौसी से भी ज्यादा है। अब बांग्लादेशी घुसपैठियों के वोट पक्का करने के लिए वे प्रचार में भी बांग्लादेशी कलाकारों को बुला रही हैं।'
बंगाल CM को बांग्लादेश से कुछ ज्यादा ही प्रेम है, बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए उनका प्यार सगी मौसी से भी ज्यादा है। अब बांग्लादेशी घुसपैठियों के वोट पक्का करने के लिए वे प्रचार में भी बांग्लादेशी कलाकारों को बुला रही हैं।
क्या ये की जनता का अपमान नहीं है?
फिरदौस के अलावा एक और बांग्लादेशी अभिनेता गाजी अब्दुन नूर को भी टीएमसी के लिए बंगाल में प्रचार करते देखा गया है। चुनाव के दौरान टीएमसी बांग्लादेश के लोकप्रिय अभिनेताओं पर काफी भरोसा कर रही है। यह इसलिए भी अहम हो जाता है कि बंगाल में अवैध बांग्लादेशियों का मुद्दा काफी चर्चा में रहा है।
इससे पहले, केंद्र ने कोलकाता के विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी से पूरी घटना पर रिपोर्ट मांगी। विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) कोलकाता से इस बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गई है कि क्या अहमद ने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान में कथित तौर पर हिस्सा लेकर वीजा शर्तों का उल्लंघन किया है। फिरदौस अहमद बिजनेस वीजा पर भारत आते रहते हैं। एफआरआरओ अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाके में वीजा सेवा उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार होता है।
वहीं, इस पूरे विवाद पर टीएमसी नेता मदन मित्रा ने कहा, 'हम 40-45 वर्षों से राजनीति कर रहे हैं। हमने कभी नहीं सुना है कि विदेशी नागरिकों को चुनाव प्रचार में भाग लेने की इजाजत नहीं है। हमें यह जानकारी है कि विदेशी नागरिकों को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है। हमें यह देखना होगा कि टीएमसी ने उन्हें आधिकारिक रूप से उन्हें प्रचार के लिए आमंत्रित किया था या नहीं।' भाजपा ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है।